रायपुर-राजनांदगांव। मर कर भी किसी को जिंदगी देना हर किसी को मुनासिब नहीं होता, वह कुछ खास ही होते हैं, जिन्हें भगवान ने चुना होता है। ऐसे ही लोग समाज के लिए दिए गए उनके पैगाम बोलते हैं। वह खामोश हो जाते हैं, मगर उनके काम बोलते हैं। वो मां है, जिसने कई जिंदगियों को जन्म दिया और अपनी मौत के बाद भी वह कई लोगों को जिंदगी दे गई। हम बात कर रहे हैं राजनांदगांव शहर के लखोली निवासी मुन्नी गोसाई की, जो वर्तमान में गंडई नगर में निवासरत थी, जिन्हें चिकित्सकों ने ब्रेनडेड घोषित कर दिया और उनके  परिजनों  ने उनके अंगों को दान कर कई लोगों को नया जीवन दे दिया। 

समाज को प्रेरणा देने वाली यह दास्तान मुन्नी गोसाई के परिवार को गर्व की अनुभूति करा रही है। केसीजी जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत राजकुमार गोसाई की पत्नी मुन्नी गोसाई को दो दिन पूर्व ब्रेन हेमरेज हुआ और वह अचानक बेहोश हो गई थी। इसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां से उन्हें रायपुर रिफर कर दिया गया। उनके परिजनों ने उनके उपचार के लिए उन्हें रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया और आज चिकित्सकों ने  मुन्नी गोसाई को ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसके बाद उनके पति और पुत्रों ने उनके अंगदान कर दूसरों को जीवनदान देने का निर्णय लिया, क्योंकि  मुन्नी गोसाई अक्सर कहा करती थी कि मरने के बाद भी अगर किसी का भला कर सको ऐसी जिंदगी जीना चाहिए।

परिवार की सराहना, डॉक्टर ने माना अहम कदम

इस पूरे अंगदान में रामकृष्ण के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर उमाशंकर, डॉ. निकिता श्रीवास्तव और एम्स रायपुर से एन विशोक, अम्बे पटेल, तथा विनीता पटेल अंगदानी परिवार के लिए सजग और सहयोगी रहे हैं। राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के संचालक डॉ. विनीत जैन ने भी इस मौके को अंतर्राज्यीय अंगदान सेवाओं की पहल की दिशा में अहम कदम बताया। राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने पूरी अंगदान एवं प्रत्यरोपण करवाने वाली सभी हॉस्पिटल्स की टीम को ढेरों बधाई दी।

ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया

छत्तीसगढ़ में अंगदान की सूचना पर फेफड़ों के लिए क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन में अलर्ट जारी किया गया था, जिसके बाद डॉ डीवाई हॉस्पिटल पिम्परी पुणे की 45 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपण के लिए चुना गया। डॉ डी वाई हॉस्पिटल पिम्परी पुणे की टीम सुबह ही एयर एम्बुलेंस से समय पर पहुंच कर सही समय पर मरीज के शरीर से फेफड़ों को जरूरतमंद तक पहुंचाया गया। इस बार फिर पुलिस की मदद से रामकृष्ण हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक तत्काल अंगों की आवा जाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। राज्य में पहली बार अंतरराज्यीय स्तर पर अंगदान हुआ है।

ऐसे चला पूरा ऑपरेशन

11 अगस्त को रामकृष्ण अस्पताल में मुन्नी गोसाई को ब्रेन डेथ घोषित किया गया। इसके बाद अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें एक किडनी एम्स को तथा एक किडनी रामकृष्ण को दी गई। वहीं उनका लीवर भी रामकृष्ण को मिला। आंखें डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय को सौंपी गई। छत्तीसगढ़ की इस महतारी ने अपने फेफड़े पुणे की 45 वर्षीय महिला को दान करके उन्हें नया जीवन दान दिया है।