बिलासपुर। महादेव सट्टा ऐप मामले में हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है। इसमें प्रमोटर-संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के गिरफ्तारी वारंट केस में मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की एंट्री हुई है। आरोपियों के वकील ने सुनवाई के दौरान एक केस का जिक्र करते हुए वारंट रद्द करने की मांग की है। वकील ने कहा कि ईडी ने कोर्ट को गलत जानकारी दी। शुक्रवार को हुई सुनवाई में बिलासपुर ईडी ने अपना पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई अब 19 सितंबर को होगी। इसमें बचाव पक्ष अपना प्रतिउत्तर पेश करेगा।
ज्ञात हो कि, दोनों आरोपियों ने रायपुर की विशेष अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ याचिका लगाई गई है। दरअसल, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ ईडी कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसी वारंट को आरोपियों ने वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल और किशोर श्रीवास्तव के जरिए बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। रवि उप्पल के वकील ने किशोर श्रीवास्तव जज के सामने ईडी की एफआईआर पढ़ी। एफआईआर पढ़ने के दौरान ईडी पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया।
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एफआईआर में उल्लेख लेकिन एप्लीकेशन कोर्ट में नहीं
रवि उप्पल के अधिवक्ता ने कहा कि, एफआईआर में जिन बातों का उल्लेख है, उन बातों की एप्लीकेशन कोर्ट में सब्मिट नहीं की गई है। याचिका में कहा गया कि न्यायाधीश ने नोटिस जारी करते समय कथित अभियुक्त बताया, लेकिन ईडी ने अपनी एफआईआर में अभियुक्त लिखा है। ये दोनों अलग-अलग बातें हैं। ईडी ने गलत जानकारी देकर कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराया है। इसे रद्द कर देना चाहिए। वकील किशोर श्रीवास्तव ने अपने तथ्यों को सही साबित करने के लिए पुराने कई केस का रिफ्रेंस दिया। इनमें से एक केस दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ भी है। वहीं ईडी की तरफ से अधिवक्ता सौरभ पांडेय और अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने बहस की। वारंट मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। ईडी के अधिवक्ताओं ने कहा कि बहस की प्रक्रिया में और कई दिन लग सकते हैं।