महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। कृषि उपज मंडी समिति निधि से पहले धान उपार्जन केन्द्रों में चबूतरे, गोदाम का निर्माण कर रहे थे अब मंडी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने के लिए पुलिया, पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा। सड़कों के अलावा लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी।

राज्य शासन ने पहली बार मंडी समिति निधि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए आदेश जारी किया है। इसके तहत बस्तर संभाग के 4 जिलों बस्तर, कोंडागांव, कांकेर एवं सुकमा क्षेत्र के 67 गांवों में आरसीसी पुलिया, पहुंच मार्ग का निर्माण किया जाना है। शासन के निर्देश पर संभाग के कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के जेडी ने संभाग के 11 कृषि उपज मंडी के सचिवों की बैठक ली। इसमें उन्होंने बताया कि मंडी समिति प्रत्येक वर्ष के बजट का निर्माण करेगी तब वह यह अनुमान करेगी कि उक्त वित्तीय वर्ष में मंडी समिति को कितनी आय होने की संभावना है।

जितने पैसे बचेंगे उतने से होंगे काम 

संभावित आय में से स्थाई निधि, आरक्षित निधि, बोर्ड शुल्क, स्थापना व्यय, स्टेशनरी व्यय एवं अन्य आवश्यक व्यय घटाने के पश्चात जो राशि शेष बचती है, उसे निर्माण कार्यों के लिए संभावित उपलब्ध राशि माना जाएगा। इसके बाद यह गणना की जाएगी कि पूर्व से स्वीकृत एवं निमार्णाधीन कार्यों पर अगले वर्ष के दौरान कितना व्यय संभावित है। मंडी को निर्माण कार्यों के लिए उपलब्ध होने वाली राशि में से उपरोक्तानुसार राशि घटाई जाएगी। इसके पश्चात जितनी राशि शेष बचती है उतनी ही राशि निर्माण कार्यों के लिए उपलब्ध राशि होगी।

ऐसे गांव जहां होंगे निर्माण

बताया जा रहा है कि बस्तर संभाग के जामगांव, छिंदवाड़ा, कुरेंगा, छापाभानपुरी, कोकावाड़ा, कोड़ेनार, तुरांगुर, बड़ेकिलेपाल, मुतनपाल, बुरूंगपाल सहित लगभग 67 गांव में ग्रामीणों की सुविधा के लिए पुलिया एवं सड़क का निर्माण किया जाएगा।

पंचायत के पदाधिकारियों से बात करें

कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक श्रीनिवास मंगम ने सचिवों की बैठक लेकर निर्देश दिया कि संभावित गांव के ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों से निर्माण कार्यों की बात करें। उसके बाद निर्माण कार्य का प्रस्ताव बनाकर भेजें, जिससे निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू कर सकें।