रायपुर। बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रोहित साहू ने मनरेगा कर्मचारी की बर्खास्तगी के बाद बहाली का मुद्दा उठाया। 

जवाब देते हुए मंत्री विजय शर्मा ने कहा - हड़ताल के चलते 21 मनरेगा कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था। कैबिनेट के फैसले के चलते उन्हें फिर से बहाल किया गया। तत्कालीन पंचायत मंत्री ने इसी बात को लेकर पुराने सीएम को पत्र लिखा था। तब पूर्व सीएम ने बहाली का नियम नहीं होने का हवाला दिया था। इसके चलते तत्कालीन पंचायत मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था। 

मंत्री के जवाब के बाद विधायक रोहित साहू ने फिर कहा कि, राष्ट्रहित में काम नहीं किया, इन्हे बर्खास्त किया जाए। तब मंत्री शर्मा ने कहा- यह पुराने सीएम और पंचायत मंत्री के बीच का मामला था। इन्हे हटाना अनुचित होगा, इनकी नौकरी बरकार रहेगी। 

नक्सल क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग के लिए नई नीति

मानसून सत्र में बुधवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों की पदस्थापना का मामला उठाया गया। कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने गृह मंत्री से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से पुलिसकर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है? पदस्थापना के लिए विभाग के क्या दिशा निर्देश हैं? कर्मचारियों के लिए दिशा- निर्देश कब तक जारी होंगे, उनकी आवास की क्या व्यवस्था है? 

54 साल के कम उम्र वाले पुलिसकर्मियों की नक्सल क्षेत्रों में तैनाती

इस सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा- ऐसे पद जो उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर प्रमोट होते हैं, उनकी कम से कम 3 सालों तक के लिए नक्सल क्षेत्रो में पदस्थापना की जाती है, या जिन कर्मचारियों की उम्र 54 वर्ष से कम है, उनकी भी पदस्थापना का प्रावधान है। नक्सल इलाकों में 3 साल नौकरी के बाद पुलिसकर्मियों की अन्य जिलों में पदस्थापना का प्रावधान है। 

पिछले पांच साल में नहीं बनाए पुलिसकर्मियों के लिए आवास

उन्होंने बताया कि, नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिसकर्मियों की पदस्थापना का विभाग से दिशा निर्देश जारी है। पुलिस विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के लिए 18,355 आवास उपलब्ध हैं। 898 आवास निर्माण किए जा रहे है, बाकी के आवास 2024 - 25 के मुख्य बजट में प्रावधानित है। श्री शर्मा ने कहा कि, पिछले 5 सालों में आवास को लेकर काम नहीं किया गया, इसलिए हमको ज्यादा काम करना पड़ेगा।

जल्द आएगी नई पोस्टिंग नीति: शर्मा

इस पर विधायक सावित्री मंडावी ने कहा- कुछ कर्मचारी 2 या 3 साल में नक्सल इलाकों से अपना ट्रांसफर करा लेते हैं, लेकिन कुछ 10 सालों से भी ज्यादा समय से वहीं नौकरी कर रहे हैं। उनके लिए भी अन्य जिलों में ट्रांसफर की नीति होनी चाहिए। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा- नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए नीति बनाई जा रही है, जल्द ही नीति सबके सामने होगी। नीति आने के बाद किसी भी कर्मचारी को नेता मंत्रियों के दरवाजे पर स्थानांतरण के लिए चक्कर नही काटना पड़ेगा।