संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट ने नवगठित मरवाही नगर पंचायत में मनोनीत कार्यकारिणी को भंग कर एक महीने के अंदर तीन ग्राम पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से पदाधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय के खिलाफ मरवाही सरपंच प्रियदर्शनी नहरेल ने हाईकोर्ट में 11 लोगों पक्षकार बनाते हुए याचिका दायर किया था। 

दरअसल राज्य शासन ने मरवाही, कुम्हारी और लोहारी ग्राम पंचायतों को मिलाकर मरवाही नगर पंचायत बनाया था इसके साथ ही राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर भाजपा नेता किशन ठाकुर को नवगठित मरवाही नगर पंचायत का अध्यक्ष बनाये जाने के साथ ही आठ अन्य सदस्य भी नगर पंचायत परिषद के सदस्य मनोनीत किये गये थे जबकि तीनों ग्राम पंचायत के सरपंचों को दरकिनार किया गया था।

हाईकोर्ट ने मरवाही नगर पंचायत समिति को पुनर्गठन का आदेश जारी किया

 ये है मामला 

राज्य शासन के इस निर्णय के खिलाफ मरवाही ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच प्रियदर्शिनी नहरेल ने हाईकोर्ट में नगरीय प्रशासन के सचिव, जिले की कलेक्टर, नवनियुक्त अध्यक्ष, आठ पार्षद सहित कुल 11 लोगों को पक्षकार बनाते हुए  याचिका दायर किया था। इस पर हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की बेंच मे सुनवाई हुई और फैसला 16 जुलाई को सुरक्षित रखा गया था। जिस पर आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि, ग्राम पंचायत को अपग्रेड करने के लिये समिति का गठन करने में प्रतिवादियों ने गलती की है और इस लिये 27 जून को जारी जनप्रतिनिधियों की समिति गठन की अधिसूचना को रद्द किया जाता है। इस समिति को पुर्नगठन करने का निर्देश जारी करते हुए नई समिति का गठन एक महीने के भीतर कर लिये जाने का आदेश हाईकोर्ट की ओर से जारी किया गया है।

पूर्व में गठित का कार्य जारी रहेगा 

एक महीने तक यानी 27 सितंबर 2024 तक जब तक नई समिति का गठन नहीं हो जाता है। तब तक के लिये पूर्व में गठित समिति कार्य करना जारी रखेगी। इस आदेश के बाद माना जा रहा है, कि एक महीने के भीतर ही मरवाही नगर पंचायत की नई परिषद का गठन हो जाएगा।