रायपुर। महिला एवं बाल विकास अंतर्गत मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में गंभीर कुपोषित बच्चों एवं 7 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिलाओं को दोपहर में भोजन की थाली में पौष्टिक आहार के रूप में खाना के साथ केला और अंडा भी परोसा जा रहा था, लेकिन पिछले 8 माह से थाली से अंडा गायब हो चुका है। विभागीय अधिकारी इसकी वजह फंड जारी नहीं होना बता रहे हैं, जिससे यह योजना अब ठंडे बस्ते में जाती दिखाई दे रही है। इधर थाली से अंडा गायब होने से कुपोषित बच्चों एवं कम हिमोग्लोबिन गर्भवती महिलाओं को भी जरूरत के अनुसार पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है।
वर्ष 2019 में शुरू की गई थी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान
खनिज न्यास निधि के तहत मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना की शुरूआत वर्ष 2019 में की गई थी। इसके तहत प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों एवं एनिमिक गर्भवती महिलाओं को गरम पका हुआ भोजन देन की योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत कुपोषित बच्चों एवं 6 गाम से कम हिमोग्लोबिन वाली महिलाओं को गरम खाने में रोटी, फोर्टिफाइड चावल, मिक्स दाल, सब्जी, गुड़ के साथ केला या चिकू में एक फल तथा एक उबला अंडा थाली में परोसा जा रहा था।
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एक उबला अंडा में कई पोषक तत्व
एक अंडे में 13 प्रकारण के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें कैलोरी 77 ग्राम, कार्ड्स 0.6 ग्राम, कुल वसा 5.3 ग्राम, सेचुरेटेड वसा 1.6 ग्राम, मोनेसेचुरेटेड वसा 2.0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल 212 ग्राम, प्रोटीन 6.3 ग्राम, विटामिन ए, विटामिन बी 2, विटामिन बी12, विटामिन बी5, फोसफोरस 86 ग्राम एवं सेलेनियम 15.4 ग्राम है।
हफ्ते में 3 दिन दिया जाता था फल के साथ अंडा
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को योजना के तहत एक हफ्ते में 3 दिन एक फल के साथ उबला अंडा दिया जाता था। इससे कुपोषित बच्चों में कुपोषण तथा गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर होती है। अब सिर्फ फल में केला दिया जा रहा है।
योजना के लिए डीएमएफ फंड से जारी होती थी राशि
विभागीय सूत्रों के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्रों में उबला अंडा व फल वितरण के लिए विभाग में अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया गया थ। इसके लिए डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग किया जाता था। अब डीएमएफ फंड से अंडा-फल वितरण के लिए राशि जारी नहीं की जा रही है, जिसके कारण यह योजना भी अब बंद पड़ी है।
जिले में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे एवं महिलाएं हो चुकी हैं लाभांवित
पौष्टिक थाली में फल व अंडा वितरण से जिले में पिछले दो साल में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं लाभांवित हो चुकी हैं। रायपुर जिले में 1916 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें कुपोषित बच्चों एवं एनिमिक गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें भोजन में अंडा और फल वितरण किया गया है। पिछले दो वर्ष में जिले में करीब 22 सौ गर्भवती महिलाओं को भोजन में अंडा-फल वितरण किया गया है। इसी प्रकार तीन हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को अंडा-फल आहार में दिए गए हैं।
फंड जारी नहीं किया गया है
महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा ने बताया कि, फल-अंडा वितरण के लिए डीएमएफ फंड से राशि जारी होती थी। अप्रैल 2024 से इसके लिए फंड जारी नहीं किया गया है, इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन की थाली में अंडा नहीं दिया जा रहा है।