कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में पैरा आर्ट ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जहां पर कैंप में वनग्राम की महिलाएं और बच्चियां पैरा से आकर्षक कलाकृति बनाना सीख रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए यह पहल शुरू की गई है। पैरा आर्ट में बनाई जा रही कलाकृतियों को बेचा भी जाएगा जिससे महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। 

दरअसल, बार नयापारा क्षेत्र केवनग्राम की महिलाएं और स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियां पैरा से आकर्षक कलाकृति बना रही है। वनमण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल और बारनवापारा अभयारण्य अधीक्षक आनंद कुदरया के मार्गदर्शन में पैरा आर्ट ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य आस-पास के महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार देना है। ट्रेनिंग कैंप में पैरा से महिलाओं और स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को कलाकृतियां बनाना सीखाया जाता है। 

पैरा आर्ट से बनाई गई कलाकृतियां

पैरा आर्ट से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं 

सहेली सोशल वेलफेयर फाउन्डेशन के ने ग्राम बार, रवान और आस-पास के ग्रामों के लगभग 45 महिलाओं को पैरा आर्ट ट्रेनिंग दिया गया। इस ट्रेनिंग में महिलाओं को पैरा को छिलकर अनेक प्रकार की कलाकृति बनाना सिखाया गया। जिससे उन्हें स्वरोजगार प्राप्त हुआ। वहीं यह ट्रेनिंग महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में सार्थक पहल होगा। 

पैरा से बनाई गई कलाकृति

सॉवेनियर दुकानों में रखे जाएंगे पैरा आर्ट 

साथ ही पैरा आर्ट और अन्य कलाकृतियों से महिला स्व सहायता समूह और बालिकाओं को कम लगात में अधिक लाभ मिलेगा। महिलाओं के तैयार किए गए सामग्रियों को बारनवापारा अभयारण्य में स्थित सॉवेनियर दुकानों में बेचने के लिए भी रखा जाएगा। बिक्री से मिले हुए पैसों को संबंधित महिला स्व सहयाता समूहों में वितरण किया जाएगा।