सुरेश रावल - जगदलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल को नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के भानपुरी इलाके के छोटे आमाबाल गांव में सभा को संबोधित करेंगे। यह वही स्थान है, जहां का आदिवासी 9 दिन तक निराहार उपवास रहकर तपस्या करता है। उसके पीछे यह सोच है कि ऐतिहासिक दशहरा पर्व बिना किसी बाधा के संपन्न हो। इसके अलावा छोटे आमाबाल गांव 5 विधानसभा क्षेत्र को छूता है। वहीं यह क्षेत्र बस्तर में भाजपा को स्थापित करने वाले सबसे बड़े आदिवासी नेता बलीराम कश्यप का गढ़ भी रहा है।
छत्तीसगढ़ की 11 सीट में से एकमात्र बस्तर सीट का पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है। इसलिए दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस स्टार प्रचारक को लाने में जुटे हैं, लेकिन बाजी भाजपा ने मार ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 8 अप्रैल को होने वाली सभा का स्थल चयन काफी सोच समझ कर किया गया है। बस्तर में भाजपा को स्थापित करने वाले सबसे बड़े आदिवासी नेता बलीराम कश्यप के गढ़, रियासतकाल से दशहरा में जोगी बिठाई रस्म में चर्चित गांव, जहां का आदिवासी 9 दिन तक निराहार उपवास रहकर तपस्या करता है। इसलिए प्रधानमंत्री की सभा में 5 विधानसभा के हजारों की संख्या में ग्रामीणों को लाकर बस्तर संसदीय सीट के पूरे माहौल को भाजपामय करना है।
सुरक्षा की तैयारी शुरू
संभाग मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के भानपुरी इलाके के छोटे आमाबाल गांव में प्रधानमंत्री पहुंचेंगे। सभा को सामाजिक, राजनीतिक, पर्व- संस्कृति, परंपरा और लोक जीवन शैली से जोड़कर जोगी के गांव में मोदी का नाम दिया जा रहा है। दशहरा में जहां जोगी जगदलपुर आते थे, वहीं जगदलपुर में सभा की जगह भाजपा ने जोगी के गांव में मोदी को ले जाने का अनूठा प्रयास किया है। इस लिहाज से प्रशासन और पुलिस ने भी सुरक्षा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 3 अक्टूबर 2023 को ऐतिहासिक लालबाग मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा हुई थी। ठीक 6 महीने के बाद लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री की छत्तीसगढ़ में पहली चुनावी सभा बस्तर के छोटे आमाबाल में होगी।
यह ऐसा गांव है, जहां किसी बहुत बड़े नेता की सभा नहीं हुई
अभी तक प्रधानमंत्री बस्तर प्रवास में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्थलों या फिर जिला मुख्यालय के समीप शहरी क्षेत्र पहुंचे थे। चाहे वह गीदम का जावंगा हो या फिर बीजापुर का जांगला, लेकिन छोटे आमाबाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर न होकर ग्रामीण क्षेत्र का एक ऐसा गांव है, जहां किसी बहुत बड़े नेता की सभा नहीं हुई है। गौरतलब है कि बलीराम कश्यप भाजपा के दबंग, तेजतर्रार और करिश्माई नेता थे। उनके पहुंचने पर अपने आप भीड़ जुट जाती थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई सहित लालकृष्ण आडवानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलीराम कश्यप के व्यक्तित्व और उनके प्रभाव को समझते थे। छोटे आमाबाल गांव बलीराम कश्यप के गृहग्राम फरसागुड़ा मानपुरी के नजदीक है। यह क्षेत्र बलीदादा का कर्मभूमि भी है। प्रधानमंत्री को वहां ले जाकर एक तरह से बलीराम कश्यप को याद कर उनके प्रभाव का फायदा भी प्रत्याशी महेश कश्यप को दिलाने का एक सोच हो सकता है।
जोगी के गांव में मोदी
ऐतिहासिक लालबाग मैदान में सभा न होकर रियासतकालीन महत्व के गांव छोटे आमाबाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 विधानसभा नारायणपुर, बस्तर कोण्डागांव, चित्रकोट और जगदलपुर क्षेत्र के जनसमूह को संबोधित करेंगे। बलीदादा के दोनों बेटे दिनेश कश्यप और केदार कश्यप के अलावा बस्तर महाराजा कमलचंद्र भंजदेव तथा सुकमा जमींदार परिवार के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव सहित भाजपा का राष्ट्रीय, प्रदेश और स्थानीय नेतृत्व इस दौरान मौजूद रहेगा। भाजपा में नारा चल पड़ा है जोगी के गांव में मोदी।