रायपुर। कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय के लिए आवेदन देने वाली छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की सुप्रीमो डॉ. रेणु जोगी ने कहा है कि पार्टी प्रोटोकाल के तहत उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से अनुरोध किया है। वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात और संपर्क करने के संबंध में कहा, मेरा नाम जोगी है, मैं केवल मांग सकती हूं। वे मेरी इच्छा का सम्मान करेंगे, ऐसी आशा है। भरोसा है, हमें और हमारे कार्यकर्ताओं को वापस कांग्रेस में प्रवेश मिलेगा। यह बात उन्होंने हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से संवाद के दौरान कही। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश-
■ कांग्रेस के दरवाजे पर एक बार फिर जनता कांग्रेस ने दस्तक दी है, ऐसा क्यों?
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सभी सदस्य यह चाहते थे कि कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी को मजबूती दें। हमने जीवन में जो भी हासिल किया है। हमने जीवन में जो उपलब्धि हासिल की है उसका श्रेय कांग्रेस को है। कांग्रेस हमारी मातृ संस्था है, अतः उसमें विलय करने के लिए हमने आवेदन देकर प्रयास किया है
■ छत्तीसगढ़ में आपकी पार्टी की भूमिका भाजपा के मददगार के रूप में रही। अब अचानक कांग्रेस की ओर क्यों कदम बढ़ा रही हैं।
मैंने कभी भाजपा की मदद नहीं की और न ही उसके प्रति कोई रुझान रहा है। मेरे भाई और मेरे माता पिता से लेकर सभी लोग कांग्रेस में रहे हैं। भाजपा का सहयोग हमने किया, ऐसा मैं नहीं मानती। अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का गठन किया था, तब भी ऐसा नहीं रहा।
■ लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में विलय की कोशिश हुई थी। अब कांग्रेस में क्यों जाना चाह रही हैं।
इसका कारण मेरी व्यक्तिगत इच्छा और मेरे जनता कांग्रेस के पदाधिकारियों ने तय किया है कि कांग्रेस से अनुरोध करना चाहिए। हमने नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेतृत्व से इस संबंध में अनुरोध किया है कि हमारी पार्टी कांग्रेस को मजबूती देने विलय चाहती है।
■ बड़े नेताओं से बात करें तो आपके नाम से सहमत होते हैं, लेकिन अमित जोगी का नाम आते ही पीछे हटते हैं। उन्हें कैसे राजी करेंगी।
वो मेरे परिवार का सदस्य है, जोगी जी का बेटा है, तो वो उनकी भावनाओं से परिचित हैं। पत्र में हम दोनों ने हस्ताक्षर किया है। अमित ने भी यह भावना जताई है कि वह कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेगा। उसे मजबूत करने का हरसंभव प्रयास करेगा।
■ कांग्रेस के नेताओं में अमित जोगी की आशंकाएं रहती हैं, उसे कैसे दूर करेंगी।
व्यक्तिगत मुझसे जाहिर नहीं किया। यह उनके मन की आशंकाएं हैं। यह मैं भी जानती हूं, लेकिन उससे अलग हटकर कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करना चाहता है।
■ कांग्रेस के बड़े नेताओं का नाम आपने लिया। गांधी परिवार से आपकी निकटता रही, सीधे सोनिया गांधी से क्यों नहीं मिलीं।
उनका आजीवन सम्मान करूंगी और जीवनभर कृतज्ञ रहूंगी। उन्हें जीवन भर नहीं भूल सकती। इसी कृतज्ञता के लिए हमने घर वापसी का प्रयास किया है। हर पार्टी का एक प्रोटोकाल होता है। पीसीसी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से ऊपर पहुंचना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से हमने अनुरोध किया है। उनसे मैंने कोई संपर्क नहीं किया। मेरा नाम जोगी है, मैं केवल मांग सकती हूं। वो मेरी इच्छा का सम्मान करेंगी, ऐसी आशा है कि हमें और हमारे कार्यकर्ताओं को वापस कांग्रेस में प्रवेश मिलेगा।
■ आपने गांधी परिवार से मुलाकात करने का मन बनाया है क्या?
आप कहती हैं, तो दिल्ली जाकर मिलने का प्रयास जरूर करूंगी। प्रोटोकाल के तहत मैंने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से कोशिश की है।
■ भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की भूमिका आपकी पार्टी के संबंध में रही, उसने मिलने का इरादा है क्या?
सिंहदेव जी से मुलाकात की थी, उनके परिवार में शोक का कार्यक्रम था, तब मैं और अमित दोनों मिलने गए थे। भूपेश बघेल के पिता के निधन के समय भी उनसे मिलकर संवेदना व्यक्त करने गई थी। सिंहदेव से भी अनुरोध किया था कि वापस कांग्रेस में एक परिवार की तरह मिलने की इच्छा जताई थी।
■ जोगी को कांग्रेस से बाहर करने में भूपेश बघेल का बड़ा हाथ रहा, उनसे भी मुलाकात करेंगी।
भूपेश बघेल का मैं बहुत सम्मान करती हूं। जब वे मुख्यमंत्री थे, तब विधायक थी, उनसे कई बार भेंट भी हुई, कई मांगें भी रखी, उसे उन्होंने पूरा किया। उनके मन में भी मेरे प्रति वहीं भाव होगा। उनके परिवार में जब उनकी माता जी नहीं रही थीं तब मैं और जोगी उनके घर गए थे। जोगी की पुण्यतिथि में उन्हें अतिथि के रूप में में बुलाया था, किसी कारणवश नहीं आ पाए थे। उनसे हमारी मुलाकात सौहार्द पूर्ण वातावरण में रही।
■ विधानसभा चुनाव में अमित ने पाटन में ही उन्हें ललकार दिया था, भूपेश भूले नहीं होंगे। उनसे मुलाकात करने की योजना है क्या?
अब ये कारण नहीं बता सकती कि अमित ने यह कदम क्यों उठाया, क्योंकि मैं उस समय अपने चुनाव में व्यस्त थी। उनका यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके बाद रिजल्द आ गए। कुछ दिन बाद उनके पिता का देहांत हुआ, तक उनसे मिलने गई थी। बहुत सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। अब जब पार्टी प्रवेश के लिए आवेदन दिया है, तो उनसे भी मुलाकात करने का प्रयास करेंगे। वैसे भी मुख्यमंत्री निवास के सामने हम रहते हैं, वहीं पास में भूपेश का भी निवास है। मिलने का प्रयास करेंगे।
■ किस उम्मीद के साथ राजनीति में रहना चाहती हैं।
मेरी सभी महत्वाकांक्षाएं जाने अंजाने में पूरी हो चुकी हैं। मेरे पार्टी के सदस्यों की इच्छा का सम्मान करते हुए कांग्रेस में आना चाहती हूं। मेरा डीएनए कांग्रेस का है, पार्टी की रीति नीति का हमेशा पालन किया है। अमित जोगी से यही उम्मीद है कि आगे वे अपने पिता समान कार्य करें और नई ऊंचाईयों को पार्टी के साथ हासिल करे।