जीवानंद हलधर-जगदलपुर। भले ही सराकर लाख दावा करे कि, बस्तर में बेहतर और अच्छी शिक्षा दी जा रही है। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बस्तर जिले के तोकापाल ब्लाक के नैनार गांव और नैनमूर गांव के प्राथमिक शाला में पहली से पांचवीं तक केवल दो कक्षाओं में ही पढ़ाई होती है। इतना ही नहीं बल्कि एक ही कक्षा में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को बैठाया जाता है। इन सभी बच्चों को एक ही शिक्षक पढ़ाता है।
जब हरिभूमि डॉट कॉम की टीम तोकापाल के स्कूल पहुंची तो देखा कि, वाकई कक्षाओं और शिक्षकों की समस्या है। एक ही कक्षा में पहली-पांचवीं तक के बच्चों को एक साथ पढ़ाने में शिक्षक भी परेशान हो रहे हैं। सभी बच्चों को एकसाथ संभालना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने समस्या के निदान का दिया आश्वासन
इस पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि, एकल शिक्षक की जानकारी और अतिरिक्त कक्षा के विषयों पर प्रशासन को अवगत कराया गया है और जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही बच्चों को हो रही परेशानी पर जल्द ही नया भवन भी बनाया जाएगा।
शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल आते हैं शिक्षक
वहीं प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षक शराब पीकर स्कूल पहुंच रहे हैं। इनमें ताजा मामला मरवाही विकासखंड के प्राथमिक शाला मौहरीटोला अमेराटिकरा का है। यहां पर शिक्षक सरजू सिंह धुर्वे रोज शराब पीकर स्कूल आता है और बच्चों को अपशब्द कह उनके साथ मारपीट करता है। जब बच्चों ने परिजनों को इसकी जानकारी दी तो वे स्कूल पहुंचे। उन्होंने शिक्षक को समझाइश भी दी लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत मरवाही विकासखंड शिक्षा अधिकारी से की।