महेन्द्र विश्वकर्मा - जगदलपुर।  एक समय ऐसा था जब इस गांव में नक्सली दहशत के कारण लोग के पैर इस इलाके में जाने की सोचने से भी थर-थराते थे। अब इस गांव में सड़क बनाने की योजना बनाई जा रही है। विकास के इस काम में उस वक्त से तेजी आई, जब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सन 2026 तक नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया किए जाने की बात कही थी। यह सड़कें खूंखार नक्सली हिड़मा के सुकमा स्थित पैतृक गांव पूर्वती भी जाएगी, जो नक्सलियों का पनाहगार क्षेत्र रहा है। सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का एक गांव है पूवर्ती, जो बस्तर के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित गांव में शामिल है। यह खूंखार नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है। पूवर्ती गांव टॉप नक्सलियों का बना था पनाहगार, हिड़मा ने यहां कायम किया खौफ का साम्राज्य। 

सुकमा और बीजापुर जिले के सीमा पर स्थित वीरान पूवर्ती गांव में अब फोर्स के पहुंचने से दहशत धीरे-धीरे घटने लगी है, वहीं नक्सलगढ़ के इस गांव के आसपास सड़क बनने से विकास के अन्य सभी तरह के कार्य होने लगे हैं, जो यहां के लोगों के लिए आजादी के इतने साल बाद भी वंचित थे। केंद्र और राज्य सरकारों के लिए आतंक का पर्याय बने हिड़मा के गांव तक 189 किलोमीटर सड़क बनाने का प्लान सीमा सड़क संगठन ने तैयार किया है। यह पहल गृह मंत्री अमित शाह के उस ऐलान के बाद और ज्यादा तेज हुई है, जब उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की है।

इसे भी पढ़ें... ठंड ने दी दस्तक : प्रदेश के कई इलाकों में शीत लहर, कुछ दिनों तक स्थिर रहेगा न्यूनतम तापमान   

फोर्स ने बढ़ाया दबदबा 

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स ने अपनी दखलांदाजी बढ़ाई है। पुलिस ने उन क्षेत्रों में कैंप स्थापित किए हैं, जहां जाना पहले कभी मुमकिन ना था, घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गांव सिलगेर में भी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। बीजापुर जिले से 70 किलोमीटर और आवापल्ली, सिलगेर में लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क का निर्माणधीन दिसंबर माह तक पूर्ण हो जाएगा। इस क्षेत्र में नक्सली की दखलंदाजी के कारण जनता को बुनियादी सुविधाओं को मोहताज होना पड़ रहा था, लेकिन अब इस गांव की दशा और दिशा बदलने लगी है।

सड़क बनने से होगी राहत 

ग्राम सिलगेर के बुधराम, सोमू सहित आधा दर्जन ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक सड़क बनने से लोग आसानी से ब्लॉक, जिला मुख्यालय जाना-आना हो सकेगा। साथ ही बीमार होने से एम्बुलेंस भी गांव तक पहुंच सकेगी। क्योंकि सड़क नहीं होने से मरीज को खाट एवं कावड़ से स्वास्थ्य केन्द्र लेना पड़ता है।

दिसंबर तक सड़क पूरा करें

लोक निर्माण विभाग जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता जीआर रावटे एवं अधीक्षण अभियंता डीएल टेकाम ने बताया कि ठेकेदार को निर्देश दिया कि फोर्स के सहयोग से सिलगेर गांव तक निर्माणाधीन दिसंबर माह तक पूरा करें। जिससे ग्रामीणों को आसानी से ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय जाना हो सके।

बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन ने बनाई सड़क बनाने की योजना

हिड़मा की दहशत इतनी है कि लोग मुंह तक नहीं खोलते, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। यहां सीआरपीएफ के कैंप खुलने से पूवर्ती- कोंडापल्ली एवं तर्रेम-कोंडापल्ली क्षेत्र में बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन की ओर से सड़क निर्माण कार्य की योजना बनी है। इसमें बीआरओ पूवर्ती जाने के लिए लगभग 189 किमी सड़क बनाएगा। जिसमें से एलमागुड़ा-दुलेड़, मेटागुंडू, इरापल्ली, गड़ेम-पल्ली, गुड़ा, मीनागुड़म, गमगुड़ा-भीमापुरम, रायगुड़ा, पुरम से पूवर्ती तक 51 किमी, कोंडापल्ली-जिदपल्ली-पामेड़ तक 26 किमी, उसूर-गलगम नब्बी-पुजारीकांकेर, एलमा तक 70 किमी, सिलगेर-पूवर्ती- कोंडापल्ली तक 24 किमी एवं तर्रेम-चिन्नाबेलूर तक 17 कमी सड़क बनेगी। इस तरह से चारों ओर से हिड़मा के गांव तक सड़क बनेगी, जहां लोगों का जाना-आना आसान हो जाएगा। नक्सल प्रभावित जिलों में फोर्स के कारण अब विकास की बयार बहने लगी है। सिलेगर क्षेत्र में नक्सलियों के गढ़ में सड़क निर्माण हुआ है, जिसके बाद अब उन जगहों में भी शासन की योजनाएं पहुंच रही है, जहां पहले जाने के बारे में सोचना भी मन में डर पैदा करता था।

इसे भी पढ़ें...सलबा बीट में एक साथ घूम रहे 11 हाथी : किसानों की फसलों को पहुंचा रहे नुकसान, वन विभाग सतर्क

सिलेगर में कड़ी सुरक्षा के बीच विकास के काम

सुरक्षाबलों के कैंप के कारण इस क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। सुरक्षाबलों की निगरानी में इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण हुआ है, जिससे ये क्षेत्र अब तेजी से विकसित हो रहा है। बीजापुर जिले के सीमावर्ती जिला सुकमा जिले का सिलेगर पिछले चार साल से सुर्खियों में है।

मुख्यमंत्री साय भी बढ़ा रहे जवानों के हौसले

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा लगातार बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दौरा कर जवानों का उत्साह बढ़ा रहे हैं। दो दिन पहले बस्तर प्रवास पर पहुंचे विष्णुदेव साय ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया कि वे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सीआरपीएफ कैंप में रात्रि विश्राम किया।

पहली प्राथमिकता सड़कों का निर्माण

बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि, फोर्स की पहली प्राथमिकता सड़कों का निर्माण करना है, इसलिए बस्तर को चारों दिशाओं से बेहतर कनेक्टिविटी देने फोर्स के जवान निर्माण एजेंसी को सुरक्षा देने का काम करते रहे हैं, ताकि समय पर और सुरक्षित ढंग से काम पूरा हो सके। सड़क बनने से क्षेत्र की जनता को सुविधा होगी