खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है। जहां शासकीय स्कूल के प्राचार्य ने अपनी मनमानी करते हुए स्कूल की 550 किलो किताबें कबाड़ी को बेच दी। आरोप है कि, उन्होंने सरकारी किताबें और बच्चों की प्रायोगिक फाइलें बेच दी गई। 

यह पूरा मामला जिले के छुईंखदान विकासखंड के ग्राम ठाकुरटोला का है। जहां शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य बलदाऊ जंघेल पर 5 क्विंटल 51 किलोग्राम शासकीय पाठ्य पुस्तक और छात्र- छात्राओं की अन्य प्रायोगिक फाइलें कबाड़ी को बेचने का आरोप लगा है। जिसकी शिकायत विद्यालय के पुस्तक प्रभारी मनोहर चंदेल ने जिला शिक्षा अधिकारी खैरागढ़ को की है। 

डीईओ ने जांच के निर्देश दिए 

जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी ने गंडई के प्राचार्य को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच करने के निर्देश दिये हैं। फिलहाल जांच का हवाला देकर जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से बचते नज़र आये। लेकिन सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर इन किताबों को छपवाया जाता है और निःशुल्क वितरण किया जाता है। ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे किताबों के अभाव में पढ़ाई से वंचित ना रह जाए। ऐसे में थोड़े से पैसों के लालच में आकर बच्चों की किताबें रद्दी के भाव बेचना बहुत ही शर्मनाक कृत्य है। जिस पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।