लीलाधर राठी - सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के उप जेल में आठ दिवसीय प्रिजन स्मार्ट कोर्स का आयोजन किया गया। यह आयोजन 15 नवम्बर से शुरू हुई और 22 नवम्बर तक चली है। बताया जा रहा है कि, आर्ट ऑफ लिविंग संस्था और जेल प्रशासन के सहयोग से बंदियों के जीवन स्तर और व्यक्तित्व विकास के लिए श्री रविशंकर के द्वारा यह आयोजन किया गया है।इस आयोजन में योग, प्राणायाम, ध्यान और सुदर्शन क्रिया के द्वारा बंदियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का लाभ मिला । 

शिविर का संचालन पूर्व योग आयोग छत्तीसगढ़ के सदस्य और वरिष्ठ आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक अजय सिंह बैस, बलराम पूनेम के द्वारा किया गया है। उप जेल में यह अत्यंत महत्वपूर्ण शिविर बंदियों के सुविधा के लिए हिंदी और गोंडी भाषा में लिया गया हैं, जिसमें 80 बंदियों ने भाग लिया हैं। शिविरोपरांत अनेक बंदियों ने नकारात्मकता, अनिद्रा, मानसिक तनाव से मुक्ति, क्रोध और हिंसा से मुक्ति, और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ की बात कही है। 

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जेल में बंद कैदी नकारात्मकता के शिकार होते हैं 

जेलर राजेश बिसेन ने कहा कि, योग के आध्यात्मिक अर्थ के अलावा गणितीय अर्थ जोड़ होता है। इस शिविर के माध्यम से हम सब बंदी और जेलर के रूप में नहीं बल्कि मानवीय रूप में सकारात्मक रूप से जुड़ रहे है। प्रशिक्षक अजय सिंह बैस ने बताया कि, जेल में रहते हुए बंदी नकारात्मकता के शिकार होकर मानसिक घुटन को महसूस करते हैं। सजा के बाद या जेल से छूटने पर या तो आत्मग्लानि के शिकार हो जाते हैं या पुनः अपराध की और लौट जाते है। 

यह शिविर आयोजित था निःशुल्क 

उन्होंने ने कहा कि, यह शिविर उन्हें भूतकाल के पश्चाताप और भविष्य की चिंता से निकालकर समाज में सामान्य सकारात्मक जीने के लिए प्रेरित करता है। संस्था द्वारा संपूर्ण भारत में बंदियों के जीवन में  सकारात्मक सुधार के लिए पूर्णतः निःशुल्क आयोजित किया जाता है। शिविर के समापन के अवसर पर जेलर राजेश बिसेन, आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र सुकमा के आयोजक मनोज देव की गरिमामय सहयोग से संपन्न हुई हैं।