रायपुर। रेलवे इन दिनों यात्रियों की शिकायत और जरूरतों पर विशेष ध्यान दे रहा है। जोन के सभी मंडल में वार रूम स्थापित होने के बाद रेल मदद एप और एक्स में यात्रियों की मांग पर दवा से लेकर गर्म दूध, डायपर समेत मोबाइल चार्जर, ईयरफोन के अलावा अन्य चीजें चलती ट्रेनों में उपलब्ध करावा रहा है। इस व्यवस्था से यात्रियों को बड़ी सुविधा मिल रही है। मंडल में टीटीई को जरूरी दवा उपलब्ध कराने के बाद यात्रियों को इसका लाभ मिलने लगा है। ट्रेन में बुखार, सर्दी और सिरदर्द की दवा की मांग अधिक बताई जा रही है। जानकारी मुताबिक दो महीने में लगभग 40 से अधिक यात्रियों ने इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। यात्रियों की ओर से रेलवे को अच्छा फीडबैक मिल रहा है। ट्रेनों में टीटीई भी यात्रियों को चिकित्सा सुविधा से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में मदद किया जा सके।

विशेष वस्तुओं के लिए करते हैं भुगतान

रेलवे द्वारा पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा को, दूसरी प्राथमिकता दूध व डायपर जैसी आवश्यक वस्तुओं को और तीसरी प्राथमिकता यात्रा में आवश्यक अन्य चीजों जैसे मोबाइल चार्जर, ईयरफोन आदि को दी जाती है। यात्री को सेवाओं के बदले भुगतान करना होता है। वस्तुओं के बिल पर लिखी राशि का भुगतान करना होता है। रेल मंडल यात्रियों को सफर के दौरान जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाने के लिए लगातार निगरानी भी कर रहा है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर रेलवे सबसे ज्यादा अलर्ट रहता है। तीन माह में महिला यात्री और बच्चों से संबंधित चीजें, दूध, सैनिटरी नैपकिन, डायपर इत्यादि मांगे जाने पर पूर्ति की गई है। दिव्यांगों की मदद की भी सूचनाएं मिलीं रही है। एप सहित अन्य किसी भी माध्यम से सूचना मिलते ही ट्रेन की लोकेशन का पता किया जाता है। इसके बाद अगले स्टेशन तक सूचना पहुंचाई जाती है कि कोच विशेष में, अमुक सीट पर, इस पीएनआर पर यात्रा कर रहे यात्री को इस वस्तु की आवश्यकता है। अगले स्टेशन का स्टाफ तुरंत अलर्ट होता है और यात्री द्वारा चाही गई आवश्यक सेवा या वस्तु को जुटाता है। ट्रेन के पहुंचते ही टीम यात्री के पास पहुंचती है और उसे चाही गई सेवा या वस्तु दे दी जाती है।

मदद कर रहें

सीपीआरओ के समीर कांत माथुर ने बताया कि, वार रूम में आने वाली शिकायत और जरूरत पर हर संभव मदद रेलवे द्वारा दिया जा रहा है। यात्रियों को अच्छी सुविधा देने का कार्य रोजाना किया जा रहा है। ताकि सफर में कोई असुविधा न हो।