रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सीएम विष्णुदेव साय के विभागों की बजट अनुदान मांगों पर चर्चा जारी है। सीएम श्री साय ने विभागीय बजट चर्चा पर कहा कि, छत्तीसगढ़ को संवारने पूरी ऊर्जा से काम कर रहे हैं। हमने छत्तीसगढ़ के प्रगति का बजट लाया है। हमारा पहला बजट ज्ञान पर आधारित था और इस बार का बजट ज्ञान को गति देने वाला है। 

उन्होंने आगे कहा कि, सरकार बनने पर बड़ी चुनौती प्रशासनिक प्रणाली दूरस्थ करने की थी। हमने सरकार बनते ही इसमें सुधार किया। हर विभागों को पारदर्शी बनाने डिजीटल किया और गुड गवर्नेंस स्थापित किया गया। हमने छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क बनवाई। अब वहां बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ निर्माण की रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। जीरो टॉलरेंस के लक्ष्य को प्राप्त करने दृढ़ संकल्पित है। 

पक्ष- विपक्ष के सदस्यों की मांगों को किया जायेगा पूरा 
  
सीएम श्री साय ने आगे कहा कि, 2047 तक विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ बनेगा। पक्ष- विपक्ष के सदस्यों ने जो भी मांगे की हैं, उन सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। नियद नेल्लानार योजना की मॉनिटरिंग के लिए डैश बोर्ड बनाया गया। लाल फ़िताशाही को समाप्त करने का निर्णय लिया है। ई- ऑफिस का क्रियान्वयन कार्य 1 अप्रैल से शुरू होगा और सभी फाइल ऑनलाइन होगी। अब हर विभागों से भ्रष्टाचार खत्म होगा। स्वेच्छानुदान के लिए 125 करोड़ का बजट तय किया गया। 

सीएम- डिप्टी सीएम और मंत्रियों के लिए अनुदान राशि तय 

उन्होंने आगे कहा कि, सीएम अधिकतम 5 लाख, डिप्टी सीएम और मंत्री अधिकतम 40 हजार स्वेच्छानुदान दे सकेंगे। कांग्रेस की सरकार में शराब घोटाला हुआ  और हमारी सरकार में शराब के राजस्व में वृद्धि हुई है। आबकारी के राजस्व का उपयोग जनकल्याणकारी कार्यों में हो रहा है। ऊर्जा उत्पादन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्यों में है। प्रति व्यक्ति विद्युत खपत 2211 यूनिट है। खपत के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पांचवें पायदान पर है। विद्युत परियोजनाओं में तीन लाख करोड़ के निवेश की योजना है। अतिरिक्त 30 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होगा।