रायपुर। हिंदुत्व की मांगों को लेकर शिवसेना के द्वारा जंतर- मंतर में एक दिवसीय महाधरना दिया। इस धरने में देश के अलग-अलग प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पदाधिकारी गण सम्मिलित हुए। इस धरने का मुख्य उद्देश्य हिंदुत्व संबंधी मांगों को लेकर दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शिवसेना के द्वारा सन 2022 में भी दिल्ली के जंतर मंतर में धरना दिया गया था और इसके अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में समय-समय पर धरना आयोजित की जाती रही है। इसी कड़ी में दिल्ली में आयोजित शीतकालीन सत्र में यह धरना दी जा रही है।
शिवसेना की ये है मांगे
1. देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाये।
2. देश में समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी.) लागू किया जाये।
3. देश में नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 (सी ए ए / एन आर सी को पूरे देश में लागू किया जाये।
4. जनसख्या नियंत्रण हेतु दो बच्चों से उपर होने से उस परिवार का आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, सरकारी और प्राइवेट नौकरी राशन, गैस सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं आदि में उनको सरकारी लाभ ना दिया जाये, इस आशय का कानून पारित किया जाये।
5. प्रदेशो में हो रहे धर्मांतरण को तत्काल प्रभाव से रोका जाये धर्मांतरण प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के पमुख शहरों में भी जारी है शहरी जिलों में भी धर्मांतरण काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है उसे तत्काल रोका जाए।
6. पुरे देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ लगातार जारी है, उसे तत्काल रोका जाए।
7. प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल चाहे वह मस्जिद हो या मंदिर हो या अन्य धार्मिक स्थल हो जहां ध्वनि यंत्र का उपयोग किया जाता है। उस ध्वनि यंत्र की मानक क्षमता सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार तय किया जाये। साथ ही धार्मिक स्थल किसी भी धर्म का हो उसका दुरुपयोग देश की एकता एवं अखंडता के विरुद्ध होने पर उक्त स्थल की तालाबंदी के साथ राजसात किया जाये। इस आशय का कानून पास किया जाये।
8. धार्मिक स्थल अधिनियम लागू किया जाए जिसमें किसी भी धर्म स्थल को बनाने की अनुमति जिलाधीश के निहित करते हुए जनसंख्या के अनुपात अनुसार किया जाए।
9. बोलने की स्वतंत्रता के नामपर लगातार हिंदू धर्म और देश के नेताओं का अपमान लगातार सोशल मीडिया और अखबारों में, साथ ही न्यूज चैनल में भी जारी है, इसकी रोक के लिए कानून पास कर देश व्यापी लागू किया जाए।
10. प्रदेशो में हो रहे गौ तस्करी को पूरी तरह से बंद किया जाये व गौ हत्या करने वालों के उपर 302 अर्थात संशोधित अधिनियम भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार धारा 103 का मुकदमा दर्ज किया जाये।