रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्थगन प्रस्ताव के ग्रह्यता पर चर्चा हुई। पूर्व सीएम भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष चरणदास दास महंत ने कहा कि, धान खरीदी को लेकर सरकार की नियत ठीक नहीं। इसको लेकर सरकार की ओर से वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब देते हुए कहा कि, धान खरीदी की समुचित व्यवस्था है। धान खरीदी का कार्य समुचित तरह से चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, 10 हजार 400 करोड़ का भुगतान किसानों को हो चुका है और मिलर द्वारा धान का उठाव किया जा रहा है। 4.73 लाख टन धान का उठाव हो चुका है और अन्य धान सोसाइटियों में उसका उठाव भी जारी है। बारदाने की कमी नहीं है, जो है वह निर्धारित मापदंड के अनुरूप है। 

किसानों और मिलरों को हो रहा नुकसान- भूपेश बघेल 

धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया है। इस पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि, पिछली सरकार ने सोसाइटियों की संख्या बढ़ाई थी। किसानों को दूर जाना न पड़ें, इसकी व्यवस्था हमने की थी और बहुत कुछ सुधार हुआ था। उसे आगे ले जाने की आवश्यकता थी, लेकिन इस सरकार ने कोई एक काम नहीं किया। उल्टा सोसाइटियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। केंद्रों में धान पड़ा है और सुखत की समस्या होगी। केंद्रों में लिमिट से ज्यादा धान पड़ा है, मिलर अलग नुकसान में हैं। मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रो- रो कर कह रहे इससे अच्छी कांग्रेस की सरकार थी। हम किसान और मिलर की आवाज पुरजोर तरीके से उठाएंगे। 

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सरकार ने धान खरीदी केंद्रों में कुव्यवस्था पैदा की- महंत 

वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा कि, सरकार ने धान खरीदी केंद्रों में कुव्यवस्था पैदा की। किसान, मिलर यहां तक की हमाल भी परेशान हैं। मोदी की गारंटी को सरकार पूरा नहीं कर रही है। केंद्रों में 21 क्विंटल धान 3100 ₹ में नहीं खरीदा जा रहा है। जब मोदी की गारंटी पूरी नहीं कर रहे हैं, तो सीना तान के यह बोलने का अधिकार नहीं है कि हमने मोदी की गारंटी पूरी की। धान खरीदी को लेकर सरकार की नियत ठीक नहीं है। 

विस अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने विपक्ष के प्रस्ताव को किया अस्वीकार

वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने विपक्ष के प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है। विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।