लक्ष्मण लेखवानी- रायपुर। रायपुर लोकसभा चुनाव की तरह रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में भी बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। उपचुनाव के लिए 46 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है, जिनमें 34 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। इन निर्दलीय प्रत्याशियों में कई प्रत्याशी अजब-गजब भी हैं, जिनमें कोई मोहल्ले के कुछ लोगों के कहने पर चुनावी मैदान पर कूद पड़ा है, तो किसी ने सिर्फ चुनाव लड़ना है सोचकर नामांकन दाखिल किया है, तो कोई अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए चुनाव लड़ रहा है। यही नहीं, नामांकन दाखिल करने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों में एक प्रत्याशी करीब ढाई सौ किलोमीटर दूर बस्तर के कोंडागांव जिले का निवासी है, जिसने अपने समाज के लोगों को आगे बढ़ाना है सोचकर नामांकन पत्र भरा है। उसका मानना है कि चुनाव में उसे जीत मिले या नहीं, लेकिन उसके माध्यम से बस्तर और उसके समाज का नाम रायपुर में होगा। उसके लिए यही जीत होगी।
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में नामांकन फार्म जमा करने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। अब 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की स्कूटनी होगी, वहीं प्रत्याशी 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकेंगे। इस विधानसभा सीट के लिए 46 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 34 है। हरिभूमि ने शनिवार को चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने वाले आधा दर्जन से अधिक निर्दलीय प्रत्याशियों से बातचीत कर उनके चुनाव में खड़े होने के पीछे मुख्य उद्देश्य के बारे में जानने का प्रयास किया। इसके लिए हरिभूमि ने कई प्रत्याशियों के घर जाकर और बहुतों से मोबाइल फोन पर भी संपर्क किया।
इसे भी पढ़ें...नक्सलियों की बर्बरता : ग्रामीण को उतारा मौत के घाट, पुलिस मुखबिरी का लगाया आरोप
मोहल्ले वालों ने कहा इसलिए खड़ा हो गया
वीरभद्र नगर रायपुर निवासी संतोष वर्मा गरीब वर्ग से है। उसका मोहल्ले में पान ठेला है। उसका कहना है कि वह मोहल्ले वालों के कहने पर वह चुनाव लड़ रहा है। वह पहली बार कोई चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मोहल्ले वालों को उम्मीद है कि वे चुनाव में जीतेंगे और मोहल्ले के साथ विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की समस्या का निराकरण करने के साथ विकास कार्य भी करेंगे। संतोष वर्मा ने कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो सबसे पहले वह अपने मोहल्ले में शासकीय स्कूल का निर्माण कराएंगे, क्योंकि उनके मोहल्ले के बच्चों को पढ़ने के लिए करीब एक किलोमीटर चलकर दूसरे मोहल्ले जाना पड़ता है। हालांकि नामांकन स्कूटनी में संतोष के नामांकन पत्र में त्रुटि पाई गई, जिसके कारण उसका नामांकन निरस्त कर दिया गया है।
समाज और बस्तर का नाम तो होगा
कोंडागांव बस्तर निवासी शंकरलाल विश्वकर्मा पेशे से हस्तशिल्प कलाकार है। वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि बस्तर में विधानसभा चुनाव में लड़ने का उन्हें मौका नहीं मिला, लेकिन अपने समाज के लोगों को आगे बढ़ाने के साथ बस्तर का नाम हो, इस उद्देश्य से उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है। उनका कहना है कि वे जीते या नहीं, लेकिन उनके चुनाव लड़ने से रायपुर में उनके समाज और बस्तर का तो नाम होगा।