अक्षय साहू- राजनांदगांव। जिले के छुरिया के दंतेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर काले तेंदुआ की चहल कदमी की वीडियो ने वन विभाग और इलाके के लोगों की नींद उड़ा कर रखी है। वन विभाग ने वीडियो वायरल होने के बाद जब पहाड़ी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया तो टीम को कहीं कुछ नहीं मिला है। जिस जगह पर फुट प्रिंट मिले थे वो भी कुत्ते के जैसा दिख रहा है, उस फुट प्रिंट में नाखून के निशान दिखाई दे रहे हैं। 

तेंदुआ बिल्ली की प्रजाति का जानवर होता है, जिसके फुटप्रिंट में नाखून दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए अब वनविभाग पहाड़ी में तेंदुआ होने की बात पर एक बार फिर से विचार कर रहा है। तेंदुआ का लोकेशन लेने कुछ जगहों पर कैमरा ट्रैप भी लगाया गया है। मां दंतेश्वरी मंदिर पहाड़ी का तेंदुए की चहल कदमी का वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। 

ग्रामीणों का दावा- एक हफ्ते पहले देखा गया था तेंदुआ 

छुरिया के मां दंतेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर तेंदुआ के दिखाई देने की खबर फैलने के बाद आम जनों की भारी भीड़ उमड़ रही है। एक सप्ताह पहले से पहाड़ी के नीचे स्थित बस्ती के लोगों के बीच काला तेंदुआ को देखे जाने व जंगली सुअर का शिकार करने की बात आग की तरह फैल गई। तेंदुए की उपस्थिति से नगर के लोग डरे सहमे हैं। वायरल वीडियो में काला तेंदुआ नगर के पहाड़ी में स्थित दंतेश्वरी मंदिर के पास विचरण करते दिख रहा है। यह सोशल मीडिया में यह मामला तेजी से फैला और क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए। 

तेंदुए के नहीं कुत्ते हैं फुट प्रिंट- वन विभाग

इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक की जांच में ऐसे कोई भी सुराग उनके हाथ नहीं लगे हैं, जिससे ये साबित हो कि इलाके में काले तेंदुआ मौजूद है। पहाड़ी पर जो पदचिन्ह मिले हैं, वह भी काले तेंदुए का नहीं है, बल्कि किसी कुत्ते का प्रतीत हो रहा है। आये दिन ऐसे वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। ऐसे वीडियोस से न्यूसेंस पैदा करने के लिए भी सोशल मीडिया में वायरल किया जाता है। 

टीमें कर रही जांच- वनमंडलाधिकारी 

इस मामले में वन मंडल अधिकारी आयुष जैन ने बताया कि, हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक एक ब्लैक लेपर्ड दिखाई दे रहा है। छुरिया के दंतेश्वरी मंदिर की पहाड़ी में दिखाई दे रहा है। इसकी सूचना मिलने के बाद स्टाफ की टीम बनाकर टुकड़ियों में टीम बनाकर भेजा है, यह चेक करने के लिए कि लेपर्ड का मूमेंट है कि नहीं परन्तु वर्तमान तक कोई पदचिन्ह नहीं मिला है न ही कोई डायरेक्ट साइटिंग हुई है। हमारा लोगों से अनुरोध है कि यदि इलाके में किसी भी वन्य जीव का मूमेंट होता है तो उस इलाके से दूर रहें, जानवर कभी भी हमला कर सकता है।