मैनपुर। इस बार वह अपने भाई की मूर्ति पर राखी बांधकर रक्षा बंधन का पर्व मनाएगी। आंखों में आंसू लिए वीरगति को प्राप्त जवान का परिवार रविवार को प्रतिमा स्थल को संवारने के लिए पहुंचा था। वीर जवान सुखसिंह फरस 3 अप्रैल 2021 को नक्सल विरोधी सर्चिग अभियान में वापसी करते समय थाना तरेंम अंतर्गत ग्राम टेकलगुडम और जोनागुड़ा के जंगल के बीच नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुआ था। गरियाबंद के मैनपुर थाना अंतर्गत ग्राम मोहंदा के शहीद सुखसिंह फरस की बहन सोमवार को रक्षाबंधन के दिन अपने शहीद भाई के प्रतिमा को राखी बांधेगी, रक्षा बंधन से पहले परिवारजनों ने शहीद की प्रतिमा की साफ सफाई के साथ ही तैयारी किया जा रहा है। 

स्मृति स्थल पर रक्षा बंधन की हुई तैयारी
गरियाबंद के मैनपुर थाना अंतर्गत ग्राम मोहंदा के शहीद सुखसिंह फरस की प्रतिमा को साफ-सफाई के बाद सजाया गया है। शहीद की प्रतिमा को 3 अप्रैल 2024 को ग्राम मोहंदा के मुख्य चौक में स्थापित किया गया था। यह पहला रक्षाबंधन है जब उनकी बहन उनकी प्रतिमा को राखी बांधेंगी। गांववाले इस अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे, जो शहीद के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

शहीद के बचपन के साथियों ने किया याद
शहीद के बचपन के मित्र यशवंत यादव, हुमन सिंह नागेश और नूतन मरकाम ने बताया कि सुखसिंह बचपन से ही साहसी और होनहार थे। उनके साहस और देशभक्ति की भावना ने उन्हें वीरगति तक पहुंचाया। उनके शहीद होने के बाद से गांव में उन्हें विशेष सम्मान दिया जाता है।

सुखसिंह फरस तीन साल पहले हुए थे शहीद
तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 15 किलोमीटर दूर ग्राम मोहंदा के अमर शहीद सुखसिंह फरस भारत माता की सेवा करते हुए 3 अप्रैल 2021 को नक्सल विरोधी सर्चिग अभियान में वापसी करते समय थाना तरेंम अंतर्गत ग्राम टेकलगुडम और जोनागुड़ा के जंगल के बीच नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके परिजनों ने 3 अप्रैल 2024 को ग्राम मोहंदा के मुख्य चौक में शहीद सुखसिंह फरस की प्रतिमा का लगाई गई है। प्रतिमा लगाने के बाद पहली रक्षाबंधन में शहीद की बहनों के द्वारा सोमवार अपने शहीद भाई के प्रतिमा को राखी बांधी जाएगी।

त्योहारों पर पूरा गांव करता है श्रद्धा सुमन अर्पित
शहीद के पिता फगनुराम फरस एवं माता मांगी बाई फरस ने बताया कि उनके 03 पुत्र और 03 पुत्री है। जिसमें से शहीद सुखसिंह फरस नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए। गरियाबंद पुलिस द्वारा भी 15 अगस्त, 26 जनवरी एवं उनकी शहादत दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। दोस्तों ने कहा, बचपन से ही सुखसिंह थे होनहार शहीद के बचपन के मित्र एवं सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत यादव, हुमन सिंह नागेश, नूतन मरकाम ने बताया कि उनके मित्र शहीद सुखसिंह फरस बचपन से काफी होनहार और साहसी थे।

प्रतिमा पर पहली बार बहन बांधेगी रक्षासूत्र
शहीद सुखसिंह फरस के भाई रूपसिंह फरस, तुकाराम फरस एवं उनकी बहन कुलेश्वरी कपील ने बताया कि शहीद सुखसिंह फरस की प्रतिमा लगाने के बाद यह प्रथम रक्षाबंधन है और आज उनकी बहन उनके प्रतिमा को रक्षासूत्र बांधेगी, जब शहीद की प्रतिमा को रक्षासूत्र बांधेगी वह दृश्य हर किसी के आंखों को नम करेगा।