रायपुर। कांग्रेस सरकार के समय में हुए राशन घोटाले की विधायकों की समिति से जांच कराने की घोषणा के बाद खाद्य संचालक ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। मामले में यह जानकारी मांगी गई है कि प्रदेश की 13 हजार से अधिक राशन दुकानों में कितनी कमी पाई गई। उनमें से कितने की वसूली की गई, कितने पर प्रकरण दर्ज किया गया। घोटाले के लिए गठित जांच कमेटी की अभी पहली बैठक नहीं हुई है, उसके पहले ही विभाग की ओर से तैयारी शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि, उचित मूल्य दुकानों में सितंबर 2022 के बचत स्टाक का सत्यापन खाद्य अधिकारियों ने किया था। जांच रिपोर्ट दिसंबर 2022 से मई 2023 के दौरान प्रस्तुत की गई।

मामले में खाद्य संचालनालय के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर राशन दुकानों में चावल, शक्कर, गुड़, चना सहित राशन सामग्री को बेचने का आरोप है। साथ ही प्रधानमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना का लाखों क्विंटल चावल को ब्लैक मार्केट में बिकवा दिया गया था। खाद्य संचालनालय के अपर संचालक के साथ मिलकर राशन दुकानों से चावल, शक्कर की कालाबाजारी की जानकारी आई थी। तेरह हजार राशन दुकानों को सालभर के कोटे की तुलना में दो से तीन गुना अधिक चावल का कोटा जारी कर छह अरब का राशन चावल की अफरातफरी हुई थी। बताया जाता है कि घोटाले को दबाने के लिए साफ्टवेयर से तेरह हजार राशन दुकानों के घोषणा पत्र गायब कर दिए गए थे। मैदानी अमले पर एफआईआर, निलंबन, विभागीय कार्रवाई की धमकी देकर बाजार से चावल खरीद कर रखवाने का काम करवाया गया है। राजस्व वसूली के लिए बिना प्रकरण बनाए नोटिस जारी करवाया गया था। मामला जब प्रकाश में आया, तो एक सप्ताह में राशन घोटाले में राशन दुकानों में बचे चावल की मात्रा की जानकारी के नाम पर खाद्य संचालनालय के अपर संचालक ने बोगस जानकारी भेज दी थी।

समिति की बैठक जल्द होगी

समिति के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया कि,  समिति की बैठक सभापति के आदेश पर जल्द होगी। तिथि अभी तय नहीं हुई है। पहली बैठक में जांच के बिन्दु तय किए जाएंगे। विभाग से भी इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी ली जाएगी।