रायपुर। हरिभूमि और आईएनएच की टीम ने छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक खुलासा किया था। खुलासा था कि संस्कृत बोर्ड की परीक्षा में जो छात्रा नहीं बैठी वह मेरिट में आई। इस खुलासे के बाद परतें खुली और पता चला कि पूरी परीक्षा में ही घालमेल है। सरकार ने जांच कमेटी बनाई, मेरिट लिस्ट रद्द की। अब जांच के बाद दोबारा नतीजे जारी किए गए हैं। संस्कृत बोर्ड द्वारा जारी नतीजे चौंकाने वाले हैं। पहले जहां 12वीं में 98.43% उत्तीर्ण रहे थे, वहीं अब उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत घटकर 82.68 प्रतिशत ही रह गया है। इसके अलावा 51 छात्रों के परीक्षा परिणाम विभिन्न कारणों से रोके गए हैं। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उत्तरपुस्तिकाओं में पाई गई विसंगतियों के कारण इनके नतीजे रोके गए हैं। व्यापक पैमाने पर संस्कृत बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार और जालसाजी को लेकर हरिभूमि के खुलासे के बाद दसवीं और बारहवीं बोर्ड के छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं का पुनः मूल्यांकन किया गया। सभी कॉपियां दोबारा जांचे जाने के बाद यह परिणाम घोषित किए गए है।

हालांकि इस बार केवल छात्रों के परिणाम तथा उनकी श्रेणी ही घोषित की गई है। मेरिट लिस्ट विद्यामंडलम ने जारी नहीं की है। पिछली बार फर्जीवाड़े का खुलासा मेरिट लिस्ट से ही हुआ था। पुरानी मेरिट लिस्ट में जिन छात्रों के नाम थे, उनके नतीजे क्या रहे हैं, यह बताने से भी मंडल द्वारा इनकार कर दिया गया है। संस्कृत विद्यामंडलम के अनुसार, दसवीं की परीक्षा में भी शामिल सभी छात्रों की उत्तपुस्तिकताओं का पुनः मूल्यांकन हो गया है। उनके नतीजे भी शीघ्र जारी किए जाएंगे।

नतीजे पहले और अब 

15 मई : जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (12वीं) का परीक्षा परिणाम 98.43 प्रतिशत रहा। बारहवीं की परीक्षा में 589 छात्र शामिल हुए। इनमें बालक तथा 256 बालिकाएं थी। इनमें 317 बालक तथा 248 बालिकाएं परीक्षा में उर्तीण रहे। 462 बालक- बालिकाओं को प्रथम स्थान मिला। वहीं 96 छात्रों को सेकंड डिवीजन दिया गया। मात्र 7 छात्र तृतीय श्रेणी में और 9 परीक्षार्थी पूरक में रहे। 16 जुलाई : परीक्षा में उपस्थित 664 परीक्षार्थियों के परिणाम जारी किए गए। प्रथम श्रेणी में 356, द्वितीय श्रेणी में 145, तृतीय श्रेणी में 10 छात्र शामिल रहे। 38 विद्यार्थियों को कृपांक मिले हैं। इस प्रकार 549 परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण होने के साथ मंडल का परिणाम 82.68 प्रतिशत रहा है। 51 छात्रों के परिणाम रोके गए हैं। 

यह है मामला

संस्कृत विद्यामंडलम के दसवीं और बारहवीं के परिणामों की घोषणा 15 मई को हुई। इसी दिन  मेरिट लिस्ट भी जारी की गई। हरिभूमि ने जब टॉपर्स से बात की तो उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर संदेह हुआ। जब हरिभूमि की टीम ने गहराई से मामले की जांच की तो पता चला कि बोर्ड की टॉपर परीक्षा में ही नहीं बैठी है। मेरिट लिस्ट में जगह बनाने वाले अधिकतर टॉपर्स के अंक उत्तरपुस्तिका में कुछ और हैं तथा कंप्यूटर में कुछ और हैं। एक ही छात्र की उत्तरपुस्तिका भिन्न- भिन्न लोगों द्वारा हल किए जाने की भी बात सामने आई। हरिभूमि के इस खुलासे के बाद संस्कृत विद्यामंडलम की तत्कालीन सचिव अल्का दानी हटाई गई तथा दो अन्य निलंबित किए गए। दो की बर्खास्तगी भी की गई थी। जांच टीम बैठाई गई और कॉपियों की फिर से जांच करते हुए दोबारा परिणाम
जारी करने का फैसला किया गया।

बढ़ गए परीक्षा में शामिल छात्र ?

विद्यामंडलम द्वारा पूर्व में जारी नतीजों में बारहवीं की परीक्षा में 589 छात्रों के शामिल होने की बात कही गई थी। मंगलवार को जारी परिणाम में 664 छात्रों के परिणाम जारी किए गए हैं। इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण खबर लिखे जाने तक प्राप्त नहीं हुआ है। 

मंडल सचिव राकेश पांडेय से दो टूक

परिणाम रोके गए हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं में क्या गड़बड़ी पाई गई है? जवाब- अनियमितता पाई गई है। कई अन्य कारण हैं, जिनकी वजह से नतीजे रोके गए हैं।

सवाल - मेरिट लिस्ट क्यों जारी नहीं की गई?

जवाब- अब क्या लिस्ट जारी करेंगे? अभी हमारी प्राथमिकता है कि बारहवीं पास बच्चों का कॉलेज में दाखिला हो जाए।

सवाल-संस्कृत विद्यामंडलम की वेबसाइट नहीं खुल रही है।

जवाब- वेबसाइट ब्लॉक है। पहले से ही ब्लॉक है।