रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में आध्यात्मिक सद्गुरु 108 आगम सागर जी महाराज का ससंघ मंगल प्रवेश हुआ। शहर में उनके प्रवेश से सकल जैन समाज में उल्लास छा गया। इस अवसर पर समाज के समस्त लोगों ने आचार्य श्री का आशीर्वाद प्राप्त कर सामूहिक पूजन किया। वहीं संत आगम सागर जी महराज ने संध्या कालीन प्रवचन में आचार्य श्री विद्यासागर जी को याद करते हुए कहा कि, आचार्य श्री इस धरती के ऐसे संत थे जो ख्याति पूजा लाभ से हमेशा दूर रहे।

दरअसल, चातुर्मास समाप्ति के बाद 108 आगम सागर महाराज जी का विहार डोंगरगढ़ स्थित तीर्थ चंद्रगिरी की में हुआ था। इस अवसर पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज़ के परम प्रभावक शिष्य आध्यात्म योगी, चर्या शिरोमणी, सद्गुरु श्री 108 आगम सागर जी महामुनि राज, श्री 108 पुनीत सागर जी महामुनिराज एवं ऐलक श्री 105 धैर्य सागर जी महामुनिराज का आगमन हुआ। वहीं श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि, 108 आगम सागर महाराज का ससंघ भव्य चतुर्मास इस साल राजनांदगांव में हुआ था। 

आचार्य श्री के पूजन के साथ संपन्न हुई आहारचर्या 

चंद्रगिरी तीर्थ के बाद विश्व वंदनीय महान संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समाधि के दर्शन कर रायपुर पहुंचे। इस दौरान जैन समाज के साधु और माता जी का मंगल मिलन हुआ। साथ ही अनुयायियों ने आगम सागर महाराज जी का आशीर्वाद लेकर सामूहिक आचार्य श्री पूजन किया। इसी के साथ महाराज जी की आहारचर्या संपन्न हुई। 

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आचार्य श्री ने अपना जीवन लोहे की तरह जीया

महाराज जी विहार कर दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर (लघु तीर्थ) पहुंचे। इस दौरान संध्या कालीन प्रवचन में 108 आगम सागर महाराज ने बताया कि, आचार्य श्री अपने जीवन को लोहे की तरह जीया। जीवन भर किसी भी सहारे में नहीं रहे। अपने अन्तिम समय में भी वो अपने सभी नियमों का पालन करते रहे। उनकी कृपा से छतीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्र गिरी का विशाल तीर्थ बन रहा है। भारत के साथ- साथ विदेशों ने भी छत्तीसगढ़ की विशेष पहचान बन गई है। 

संध्या कालीन प्रवचन में शामिल हुए अनुयायी 

संध्या कालीन प्रवचन में 108 आगम सागर महराज ने कहा कि, आचार्य श्री स्वयं कम बोलते थे हमेशा उनके काम बोलता था। आज जिस स्थान पर उनकी समाधि है वह रायपुर के निकट है। ये रायपुर वासियों के लिए सौभाग्य की बात है। उनके प्रथम समाधि दिवस के उपलक्ष्य पर 1008 श्री सिद्ध चक्र महा मंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। जिस पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में धर्म प्रेमी बन्धुओ को भाग लेना चाहिए। साथ ही आचार्य श्री ने रायपुर के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर को लघु तीर्थ बनाने का मंगल आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर समस्त दिगम्बर जैन समाज के समाज जन,महिला मंडल बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।