रायपुर। शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करने के नाम पर कई नामी कंपनियां लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं। पिछले माह पांच जिलों से उठाए गए फूड सप्लीमेंट के पचास फीसदी सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। सैंपलों को जिला स्तर पर जांच के लिए अलग-अलग राज्यों में भेजा गया था, जिसमें वे मिसब्रांड पाए गए हैं। अब संबंधित दुकानदारों को नोटिस जारी कर संबंधित प्रोडक्ट खरीदी का ब्योरा लिया जाएगा।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने पहली बार बच्चों से लेकर बड़ों तक के शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए बाजार में बिकने वाले सप्लीमेंट्री फूड को जांच के दायरे में लाया था। इसके लिए रायपुर समेत पांच जिलों की दवा दुकानों में बेचे जाने वाले बेबी फूड, न्यूट्रास्यूटिकल, मल्टीविटामिन, प्रोटीन पावडर जैसे उत्पादों के करीब बीस सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए हैदराबाद, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के लैब में भेजा था। सूत्रों के अनुसार सैंपलों की प्रांरभिक रिपोर्ट विभाग को मिली है जिसमें दस फूड सप्लीमेंट में मिस ब्रांड अथवा लेबल डिफेक्ट पाया गया है। इनकी विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद संबंधित दवा व्यापारियों को नोटिस जारी कर खरीदी से संबंधित तमाम जानकारी मांगी जाएगी और आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। 

पूरक आहार होने का जिक्र नहीं 

फूड सप्लीमेंट पूर्ण आहार नहीं है, उनमें पूरक आहार होने का जिक्र किया जाना आवश्यक है। साथ ही संबंधित उत्पाद में मौजूद अवयवों की मात्रा का उल्लेख भी करना जरूरी है। जांच के दौरान इसमें अंतर पाए जाने वाले उत्पादों को लेबल डिफेक्ट की श्रेणी में रखा गया है। वहीं अपने उत्पाद की शुद्धता और असरकारक के दावे में अंतर वालों को मिसब्रांड के दायरे में रखा गया है।

ड्रग को फूड श्रेणी में लाने का खेल

सूत्रों के मुताबिक विटामिन, मिनरल, प्रोटीन औषधि के दायरे में आते हैं, मगर कई कंपनियां इसे फूड प्रोडक्ट के दायरे में बाजार में खपा रही हैं। खाद्य पदार्थ की श्रेणी में आने की वजह से इनकी तमाम मापदंडों पर जांच नहीं हो पाती और दवा बाजार के साथ इन्हें सामान्य दुकानों में भी बिना अवरोध के बेचा जाता है।

इनके लिए गए थे सैंपल

दवा दुकानों से खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने जीआरडी बिक्स प्रोटीन, सिगनुत्रा ग्रोविवा, पीडियास्योर, प्रोहन्स-डी डायबिटीज केयर, ऑस्ट्रो मल्टीविटामिंस सीरप, एटूजेड मल्टीविटामिन सीरप, जीनोविट मल्टीविटामिन कैप्सूल, स्टेविआ शुगर फ्री और मीन-जेड, मोकटल मल्टीविटामिन मल्टीमिनिरल्स सीरप, बेंफिसियल हेल्थ सल्पीमेंट, प्रोग्रेट प्रोटीन पॉवडर, एन्दुरा मॉस वेट गेनर, लिक्योरिफिट न्यूट्रास्यूटिकल, पैक्ड क्यू -10 सीरप, पैक्ड बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट प्रोटीपी, पैक्ड मल्टीविटामिन मल्टीमिनिरल्स, जिंसी टोटल हेल्थ नामक फूड सप्लीमेंट के सैंपल लिए थे।

विवेचना के बाद होगी कार्रवाई

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक कुलदीप शर्मा ने बताया कि, पहली बार फूड सप्लीमेंट की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए सैंपल लिए गए। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित प्रकरणों में दवा दुकानदारों से जानकारी लेकर मामले की विवेचना की जाएगी।