रायपुर- बैगा आदिवासियों की मौत को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, इन सभी के लिए स्पेशल हेल्थ कैंप लगा दिए जाएं। यानी इनके इलाज के लिए जगह-जगह पर स्पेशल हेल्थ कैंप लगाने के निर्देश राज्य सरकार ने दिए हैं। साथ ही सीएम ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा और कबीरधाम जिले के अफसरों से बातचीत करके इस मामले की पूर जानकारी भी ली है। 

मलेरिया और डायरिया से कितने लोगों की गई जान 

जानकारी के मबतिक, गंदा पानी पीने, मलेरिया और डायरिया की वजह से 5 बैगा आदिवासियों ने अपना दम तोड़ा है। इस तरह की दिक्कत चिल्फी, झलमला और तरेगांव के जंगली इलाकों में रहने वालों के साथ हो रही है। 

सोनोग्राफी मशीन खरीदने के निर्देश 

सीएम साय के निर्देश पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा चिल्फी, झलमला और तरेगांव के जंगली इलाकों में सोनोग्राफी मशीन को जल्द खरीदने के लिए कहा है। इधर, उपमुख्मंत्री शर्मा नेआदिवासी बालक छात्रावास में अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का जायजा लिया और मरीजों से बात की है। 

कितने आदिवासी बीमार हैं

बताया जा रहा है कि, 20 से ज्यादा आदिवासी बीमार चल रहे हैं। गांव सोनवाही की बात की जाए तो यहां पर 194 घर है। जिसमें महज 580 लोग रहते हैं, वहीं इस गांव में 12 कुआं और 2 हैडपंप है। वैसे तो 11 जुलाई को 194 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था, जिसमें 8 लोगों का स्वास्थ्य खराब होने शिकायत आई थी। इनमें 7 लोगों को मौसमी बुखार के लक्षण और 1 को उल्टी हुई थी। 

उल्टी-दस्त से हुई मौत- बघेल 

इस मामले को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि, बैगा आदिवासियों की मौत उल्टी-दस्त से हुई है। लेकिन राज्य सरकार इनकी मौत की वजह से अलग-अलग बता रही है।