राजेश दास - जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान नक्सलवाद का खात्मा ही हमारा लक्ष्य है और हमारी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ रही है  इसके बाद एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ फोर्स आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद नक्सलियों का सफाया करने फोर्स पीछे पड़ी हुई है और यही वजह है कि पिछले साढ़े ख्सा माह में 122 से अधिक नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। सरकार की सरेंडर करो या मरो की रणनीति पर काम करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस  पड़ोसी राज्य ओडिशा, आरध्रप्रदेश, तेलगांना व महाराष्ट्र स्टेट की फोर्स के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर करोड़ों के इनामी टॉप मोस्ट नक्सलियों को टारगेट करने लगातार ऑपरेशन चला रही है। वर्तमान में भारत के टॉप मोस्ट माओवादियों की संख्या 31 है, जिनमें पोलित ब्यूरो व सेण्ट्रल कमेटी मेंबर हैं, जिन पर 1- 1 करोड़ का इनाम घोषित है। इसके अलावा टॉप टेन सीसी व सीआरबी मेंबर की सूची भी तैयार की गई है । जिन पर 40-40 लाख का इनाम घोषित है, हालांकि इसके बाद से शीर्ष नेतृत्व की लिस्ट लगातार सिमट रही है। सरकार के इस निर्णय के बाद बस्तर में जिस तेजी से नक्सलियों का सफाया किया जा रहा है, उसी तेजी से सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है, हालांकि समर्पण करने वाले नक्सलियों में शीर्ष नक्सलियों की संख्या नगण्य है।

पिछले कुछ दिनों की बात करें तो अबूझमाड़ स्थित बीजापुर व नारायणपुर जिले की सरहदी इलाके में 8 नक्सली व 9 मई को सुकमा जिले के बेचपोच्चा के जंगल में 1 व बीजापुर जिले के कमकानार के जंगल में 2 कुल 11 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। वहीं बीजापुर जिले के गंगालूर एरिया में सक्रिय इनामी समेत 33 नक्सलियों ने समर्पण किया है। गौरतलब है कि लगभग वर्ष भर पूर्व पांच राज्यों के पुलिस अधिकारियों की राजधानी रायपुर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में बड़ी बैठक हुई थी। जिसमें आईबी के एडिशनल डायरेक्टर ऋत्विक रुद्रा द्वारा अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक ली गई थी, इस बैठक में छग पुलिस के अलावा गृह मंत्रालय भारत सरकार (सीएपीएफ) समेत पड़ोसी राज्य ओडिशा, आध्रप्रदेश, महाराष्ट्र व तेलगांना राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। बैठक में अंतर्राज्यीय समन्वय, आसूचनाओं के आदान प्रदान, फोकस एरिया में संयुक्त अभियान, सुरक्षा विहिन क्षेत्रों में रणनीति व माओवादियों के सप्लाई नेटवर्क परकार्रवाई समेत अन्य विषयों पर समन्तिव कार्ययोजना के सबंध में चर्चा कर टॉप माओवादियों को टॉरगेट करने खाका तैयार किया गया था।

नक्सल संगठन के टॉप लीडर्स में इनके नाम है शुमार 

देश के अलग अलग राज्यों में नक्सल संगठन की दिशा व दशा तय करने वाले टॉप आधा दर्जन पोलित ब्यूरो, सेण्ट्रल कमेटी मेंबर व महासचिव की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिन पर 1-1 करोड़ का इनाम घोषित है। इनमें नम्बाला केशर राव उर्फ गगन्ना के अलावा मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फविवेक, मिशिर बेसरा उर्फभाष्कर तथा प्रमोद मिश्रा उर्फनेताजी शामिल है, जो देश के अलग अलग राज्यों छग, तेलगांना, आध्रप्रदेश, झारखण्ड व बिहार में सक्रिय है तथा देश में नक्सल संगठन को आगे बढ़ाने काम कर रहे हैं। इसके अलावा इनके नीचे टॉप टेन सीसी व सीआरबी मेंबर की सूची है, जिन पर 40-40 लाख का इनाम घोषित है। इनमें मल्लाराजी रेड्डी उर्फसतन्ना, विवेक चन्द्री यादव उर्फप्रयाग, सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा, चिप्परी तिरूपति उर्फ देवजी, पुल्लरी प्रसाद राव, मोडेम बालाकृष्णा, गणेश उईके, गजराला रवि, अनिल दा उर्फ तूफान व संजय उर्फ मंगतू शामिल है। इनके नीचे 16 डीकेएसजेडसीएम व अलग अलग कंपनी के प्रभारी है। इन पर 25-25 लाख का इनाम घोषित है। इनमें के रामचन्द्र रेड्डी, सुजाता उर्फ कल्पना, सुजाता उर्फ अल्लूरी कृष्णाकुमारी, लेंगु उर्फ संजीव, रामदेर उर्फ सोमा, टक्कालापल्ला वासुदेव राव, माड़वी हिड़मा, वेंकटेश, रवि, पावनंदम रेड्डी, कमलेश, गिरधर, चंदू, रघु उर्फ विकास, विनय रेड्डी तथा सुरेन्दर शामिल है, जिन्हें टॉरगेट करने खाखा तैयार किया गया है।

बस्तर में 8 करोड़ से अधिक के 123 ईनामी माओवादी सक्रिय

देश के नक्सल प्रभावित अलग अलग राज्यों में सक्रिय माओवादियों पर वहां की सरकारों ने 25 करोड़ से अधिक का इनाम घोषित कर रखा है। अकेले बस्तर संभाग में टॉप नक्सली लीडरों पर 8 करोड़ से अधिक का इनाम घोषित है। वहीं पिछले तीन वर्ष की बात करें तो इनमें करोड़ों के इनामी पांच सेण्ट्रल कमेटी मेंबर की बीमारी से व एक की एनकाउण्टर में मौत हो चुकी है, वहीं 2 को गिरफ्तार तथा 1 ने आत्म समर्पण किया है। बदलती परिस्थितियों में जहां एक तरफ सुरक्षाबलों की धमक जंगल में अंदरूनी क्षेत्रों में बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर कई छोटे कैडर के लीडर आत्मसर्मण की राह पर चल पड़े हैं। जिसके चलते विगत तीन वर्षों में कई इनामी नक्सलियों का नाम लिस्ट से कम हो गया है। इनमें छग व बस्तर में सक्रिय 8 करोड़ से अधिक के इनामी 123 माओवादी भी शामिल है, जिन पर 25 लाख से 5 लाख तक का इनाम घोषित है। बस्तर में सक्रिय इन माओवादियों के परिवार इस समय दो पाटों में पिस रहे हैं, एक तरफ माओवादी तो दूसरी ओर पुलिस इन पर नजर रखे रहती है।

 मारे गए सीसी मेंबर में ये शामिल 

पिछले तीन वर्ष में पांच टॉप लीडर की मौत हो चुकी है, इनमें डीकेएसजेडसी सचिव व सेंट्रल कमेटी मेंबर रमन्ना की मौत 7 दिसम्बर 2019 को बीमारी के चलते हो चुकी है। वहीं एक और केन्द्रीय कमेटी मेंबर हरिभूषण की मौत 21 जून 2021 को कोरोना माहमारी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से, दीपक तेलतुबडे की मौत गढ़चिरौली के मर्दनटोला जंगल में 13 नवम्बर 2021 को मुठभेड़ में, शोभराय की मौत कोरोना पॉजिटिव होने से 6 जून 2021 को रामकृष्ण की मौत भी बीमारी के चलते 14 अक्टूबर 2021 को तथा हाल ही में कटकम सुन्दर उर्फ विवेक उर्फ भूपति उर्फसोनू की मौत हो चुकी है। इसके अलावा दो सेंट्रल कमेटी मेंबर प्रशांत बोस व शीला मराण्डी को झारखण्ड पुलिस ने 11 नवम्बर 2021 को गिरफ्तार किया है। वहीं सावित्री उर्फ माड़वी हिड़में हैदराबाद में 6 सितम्बर 2022 को आत्मसमर्पण कर चुकी है।

गृहमंत्री बोले- खत्म होना चाहिए नक्सलवाद

रायपुर। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि विष्णुदेव सरकार बनने के बाद अब तक 122 नक्सली हुए ढेर हुए हैं। 415 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 423 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण किया है। नक्सल समस्या का समाधान हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता है। पुनर्वास और विकास से नक्सलवाद खत्म होना चाहिए ।

इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन रणनीति का हिस्सा, समर्पण की अपील भी

नक्सल ऑपरेशन छत्तीसगढ़ के एडीजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि, नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है। वहीं इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन रणनीति का हिस्सा है। जिसके तहत पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं। नक्सल संगठन में शामिल नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए और हम लगातार उनसे अपील भी कर रहे है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा व शांति का वातावरण और क्षेत्र का विकास होगा।