रायपुर। एक तरफ देश के साथ राज्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पुलकित है, वहीं मानव निर्मित एशिया के सबसे बड़े जंगल सफारी में चार साल बाद बाघिन बिजली तथा शेरनी ने चार-चार शावकों को जन्म दिया है। शावकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। शावकों की तीमारदारी करने 24 घंटे निगरानी करने की व्यवस्था की गई है।
जंगल सफारी में पिछले चार वर्षों से बाघों के साथ लॉयन की मेटिंग नहीं कराई जा रही थी, इसकी वजह जगह की कमी बताया जा रहा है। सफारी में बाड़ों की संख्या बढ़ने के बाद बंगाल टाइगर की बिजली तथा लॉयनेस प्रियंका का लॉयन तथा टाइगर के साथ मेटिंग कराया गया। लंबे अरसे के बाद सफारी में नए मेहमान आने के बाद सफारी प्रबंधन खुश है। नए मेहमान शेड्यूल- 1 प्रजाति के वन्यजीव हैं इस बात को ध्यान में रखते हुए शेर तथा बाघ प्रजाति के शावकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
संवेदनशील होते हैं शावक
शेरनी, बाघिन सहित तमाम प्रजाति के वन्यजीव जो जू में रहते हैं, उनके शावक काफी संवेदनशील होते हैं। शावकों को इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है। इस वजह से जहां शावकों को रखा गया है, उसके आसपास किसी को जाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा शावकों को किसी भी तरह से वैक्टिरिया से बचाने आइसोलेशन वार्ड में साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है।
आइसोलेशन वार्ड में कैमरे लगाए गए
शावकों तथा उनको जन्म देने वाली मां की 24 घंटे निगरानी रखने आइसोलेशन वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अफसर शावकों तथा उनकी मां की पल-पल की गतिविधियों को देख रहे हैं। इसके साथ ही शावकों को ठंड से बचाने आइसोलेशन वार्ड का ट्रैम्प्रेचर मेंटेन किया जा रहा है।
डाइट में कटौती के साथ पूरक आहार
शावकों को जन्म देने वाली शेरनी तथा बाघिन की डाइट में कुछ दिनों के लिए कटौती की गई है। इसके अलावा इन दोनों वन्यजीवों को खाने के लिए जो मांस परोसे जा रहे हैं, उसकी पहली जांच की जा रही है। इसके साथ ही दोनों वन्यजीवों के दूध में किसी तरह से संक्रमण न हो, इस बात का ध्यान में रखते हुए उस हिसाब से दोनों वन्यजीवों को मांस में दवा मिलाकर परोसा जा रहा है। साथ ही दोनों वन्यजीवों की इम्यूनिटी बढ़ाने की दवा दी जा रही है।
देव की दुल्हन आने के बाद आएंगे नए मेहमान
गौरतलब है कि, जंगल सफारी में व्हाइट टाइगर देव तथा जया एक ही मां से पैदा हुए हैं, इसके चलते सफारी प्रबंधन इन दोनों का मेटिंग नहीं करा रहा है। दोनों के मेटिंग होने से जेनेटिक समस्या आएगी। इसके चलते टाइवोस जया को मैत्री बाग के व्हाइट टाइवोस के साथ अदला-बदली किया जाना है। अदला बदली होने के बाद देव का मैत्री बाग के टाइग्रेस के साथ मेटिंग कराया जाएगा। इसके बाद सफारी में व्हाइट टाइगर का कुनबा बढ़ेगा।