भिलाई । पतंग उड़ाने के दौरान चाइनीज मांझे से गला कटने का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी लगने पर मौके पर चरोदा जीआरपी पहुंची। घायल युवक को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां युवक की मौत हो गई। जीआरपी चरोदा प्रभारी गोपी सिंह पैकरा ने बताया कि ग्राम बेदरागोडी थाना गेंदातोली जिला राजनंदगांव निवासी अजय कुमार टंडेकर 18 वर्ष अपने मौसा जीकेबिन चरोदा निवासी वीरेन्द्र मुंडेकर के घर घूमने आया हुआ था। मौसा का बेटा विहांत 4 वर्ष को बाइक में बिठाकर स्कूल छोड़ने के लिए अजय निकला था।

 इस दौरान सोमवार की सुबह 10.30 बजे देवबलौदा जाने वाले मार्ग के पास कुछ युवक पतंग उड़ा रहे थे। अचानक पतंग का मांझा अजय के गले से फंस गया। मांझे से उसका का गला कट गया और बाइक अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर पड़ा। बाइक के पीछे विहांत भी बैठा हुआ था। दोनों सड़क पर गिर पड़े। अजय के गले से काफी खून निकल रहा था। आसपास के लोगों ने घटना की सूचना जीआरपी चरोदा को दिया। घायलों को तुरंत सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल लाया गया था। जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेज दिया गया। दुर्ग पहुंचते ही अजय ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं विहांत की हालत गंभीर बनी हुई है।

छत्तीसगढ़ का पहला मामला

चाइनीज मांझे से गला कटने की घटना प्रदेश का पहला मामला है। जहां अजय नामक युवक के गले में मांझा फंसने से गला कट गया और अधिक खून बह जाने से उसकी अस्पताल में मौत हो गई। शव को पीएम के लिए मरचूरी में रखवा दिया गया है। फिलहाल पुलिस घटना को लेकर जांच में जुटी हुई है।

ऑनलाइन से अब घर-घर पहुंच रहा चाइनीज मांझा

चाइनीज मांझा का कहर भोपाल सहित देश के और कई शहरों में देखने के बाद छत्तीसगढ़ में भी सामने आने लगा है। इसी कड़ी में भिलाई, चरोदा के पास चाइनीज मांझे की चपेट में आने से एक दोपहिया चालक की मौत हो गई, दोपहिया में बैठा एक बच्चा घायल हो गया है। स्थानीय स्तर पर चाइनीज मांझे की नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से इस तरह की घटना घटित होने लगी है। गौरतलब है कि चाइनीज मांझे की खरीदी तथा बिक्री पर रोक लगाई गई है। शासन स्तर पर इसके लिए दुकानदारों को पतंग दुकानों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। राजधानी की पतंग दुकानों में चार माह पूर्व जिला प्रशासन की टीम जांच करने के लिए पहुंची थी, लेकिन उन्हें दुकानों से किसी तरह से चाइनीज मांझे नहीं मिले। इसके बाद से जिला तथा निगन प्रशासन के अफसर पतंग दुकानों में चाइनीज मांझे की जांच करने अब तक नहीं पहुंचे। 

रायपुर में भी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं

 पांच वर्ष पूर्व पचपेड़ी नाका ओवरब्रिज के नीचे पतंग उड़ा रहे बच्चों के मांझे की चपेट में आकर एक बाइक सवार के घायल होने की घटना सामने आ चुकी है। बाइक की रफ्तार कम थी, इस वजह से बाइक चालक को कोई ज्यादा चोटें नहीं आई। बाइक की रफ्तार ज्यादा नहीं थी, इस वजह से गंभीर हादसा टल गया।

चाइनीज मांजा मंगाने का ऑनलाइन प्लेटफार्म

पतंगबाजी करने तथा सामने वाले की पतंग काटने की होड़ में लोग चाइनीज मांझा का उपयोग कते हैं। बाजार में चाइनीज मांजा की उपलब्धता नहीं होने की वजह से लोग चोरी छिपे ऑनलाइन चाइनीज मांजा मंगाकर उपयोग करते हैं। ऑनलाइन मांझा मंगाने पर प्रशासन इसकी निगरानी भी नहीं कर पाता।

रायपुर में 35 से 40 पतंग कारोबारी

राजधानी में पतंग का कारोबार करने वालों की संख्या 35 से 40 के करीब है। उनमें से चार से पांच थोक पतंग का कारोबार करने वाले कारोबारी हैं। शहर में ज्यादातर पतंग का कारोबार करने वाले कारोबारी बूढ़ापारा, सदर बाजार में हैं। इसके अलावा छिटपुट तरीके से शहर के अन्य क्षेत्रों में पतंग का कारोबार करने वाले हैं।

पतंग कारोबारियों ने कहा- हम नहीं रखते

बूढ़ापारा तथा सदर बाजार के तीन अलग- अलग पतंग कारोबारियों से हरिभूमि के टीम ने चाइनीज मांझे को लेकर सवाल किया गया, तो उन लोगों का कहना था कि वे अपनी दुकान में चाइनीज मांझा नहीं रखते। बावजूद इसके लोगों द्वारा चाइनीज मांझा उपयोग करने के सवाल का जवाब देते हुए पतंग कारोबारियों ने कहा पतंग उड़ाने वाले कहां कोई जानकारी नहीं है। से चाइनीज मांझा मंगाते हैं, उन्हें इनके बारे में