रायपुर। प्रदेश सरकार की नई उद्योग नीति लागू हो गई है। इस नीति में पहली बार जहां नए सेक्टरों पर फोकस किया गया है, वहीं सर्विस सेक्टर को भी जोड़ा गया है। सब्सिडी में भी भारी इजाफा किया गया है। एमएसएमई यानी माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज जिसे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कहा जाता है, उनकी तीन गुना तक सब्सिडी कर दी गई। 

इसी के साथ मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए भी सब्सिडी में बड़ा इजाफा किया गया है। इसमें खास बात यह है कि आमतौर पर नई नीति के आने के बाद उसकी अधिसूचना ही जारी होने में लंबा समय लग जाता है, लेकिन नई नीति के साथ ही अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उरला एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग और छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी का मानना है कि इस उद्योग नीति से नए उद्योगों को बड़ा फायदा होगा।

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उद्योग नीति में भविष्य के उद्योग

पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश को देश का हेल्थ हब भी बनाने की तैयारी है। ऐसे में फार्मा के साथ लैब प्रारंभ करने वालों के लिए भी पैकेज की सुविधा है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी के मुताबिक नए ट्रेड में फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा गैर काष्ठ वनोंपज प्रसंस्करण, कम्प्रेस्ड बायोगैस, इलेट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स एंड कम्प्यूटिंग (जीपीयू), आईटी, आईटीईएस, डेटा सेंटर, आटोमोबाइल जैसे नवीन सेक्टरों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है। इसके साथ ही भ्रस्ट सेक्टर के ऐसे उद्योग जहां राज्य का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है और जहां भविष्य के रोजगार आ रहे हैं, उन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रावधान है। पहली बार ग्रीन उद्यम को भी नीति का हिस्सा बनाया गया है। इसमें पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, जल एवं उर्जा दक्षता (एनर्जी ऑडिट) व्यय प्रतिपूर्ति, गैर काष्ठ वनोपज प्रसंस्करण एवं ग्रीन हाइड्रोजन, कम्प्रेस्ड बायोगैस सेक्टर के वृहद उद्यम हेतु औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

पहली बार सर्विस सेक्टर को जोड़ा 

राज्य सरकार द्वारा देश में सेवा गतिविधियों के बढ़ते हुए रुझान को देखते हुए नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिए पृथक-पृथक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट, स्वास्थ्य सेक्टर, पर्यटन एवं मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को  शामिल किया गया है। नीति में प्रोत्साहनों की दृष्टि से राज्य के विकास खण्डों को तीन समूहों में रखा गया है। समूह-1 में 10, समूह 2 में 61 एवं समूह 3 में 75 विकासखंड को रखा गया है। स्थाई पूंजी निवेश का 100 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के लिए स्थाई पूंजी निवेश का 150 प्रतिशत तक का समग्र प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

रोजगार को बढ़ाने लिए भी पैकेज

उरला एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी गर्ग के मुताबिक स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सूजन करते हुए अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए रोजगार का लक्ष्य रखा  गया है। इस नीति मैं स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का प्रावधान करते हुए 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। अकुशल को कुशल बनाने के लिए 15 हजार रुपए मासिक का मानदेय सरकार की तरफ से दिया जाएगा। इससे उद्योगों पर भार नहीं पड़ेगा।

समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए भी राहत का प्रावधान

छत्तीसगढ़ संभवतः देश में पहला राज्य है, जिसने युवा अग्निवीरों एवं नक्सल पीड़ति परिवारों को स्वयं के रोजगार धंधे स्थापित करने पर विशेष अनुदान एवं छूट का प्रावधान किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भी अपना उद्योग लगाने का राहत और सब्सिडी पैकेज मिलेगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वयं का रोजगार लगाने का मौका मिलेगा। इन वर्गों के उद्यमियों को मात्र 1 रुपए प्रति एकड़ की दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन मिलेगी।

सब्सिडी 80 लाख से ढाई करोड़ ढाई से साढ़े चार करोड़

उरला एसोसिएशन के अश्विनी गर्ग ने बताया, वास्तव में यह उद्योग नीति नए उद्योगों के लिए संजीवनी साबित होगी। इसमें जहां कई तरह के प्रावधान हैं, वहीं सब्सिडी में भारी इजाफा किया गया है। पहले एमएसएमई के उद्योगों को लंबे समय से 80 लाख तक की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन इसको तीन गुना से भी ज्यादा करके ढाई करोड़ कर दिया गया है। इसी तरह से मध्यम उद्योगों की सब्सिडी को ढाई करोड़ से बढ़ाकर साढ़े चार करोड़ कर दिया गया है। बड़े उद्योगों के लिए भी सब्सिडी 50 फीसदी तक हो गई है। उदाहरण के लिए कोई सौ करोड़ का उद्योग लगाता है तो उनको 50 करोड़ तक सब्सिडी मिल सकती है।

एमएसएमई को बड़ी राहत

उरला एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग  ने बताया कि,  लंबे समय बाद एमएसएमई को बड़ी राहत मिली है। पहले 80 लाख तक की सब्सिडी मिलती थी उसको बढ़ाकर ढाई करोड़ किया गया है। इससे ज्यादा से ज्यादा लघु उद्योग लगाने में मदद मिलेगी।

समग्र विकास वाली नीति

छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि, हर सेक्टर को ध्यान में रखते हुए नीति बनी है। इस नीति से प्रदेश में स्टील,सीमेंट से हटकर भी नए ट्रेड वाले उद्योगों को मौका मिलेगा। सरकार ने समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए अच्छी नीति बनाई है।