रायपुर। खमतराई थाने में एक व्यक्ति ने अपने वकील के खिलाफ जमानत दिलाने का झांसा देकर उसकी पत्नी से कार अपने नाम ट्रांसफर कराने सहित मकान की पॉवर ऑफ अटार्नी लेने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाने में शिकायत दर्ज कराने वाला प्रार्थी ठगी के आरोप में पूर्व में जेल में बंद था। इस दौरान वकील ने आरोपी की पत्नी को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाया ।

पुलिस के मुताबिक अनिल कुमार वर्मा की शिकायत पर वकील मोहम्मद सुल्तान अहमद निजामी तथा आरटीओ एजेंट मोहम्मद परवेज के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 तथा 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। अनिल ने पुलिस को बताया है कि निजामी ने कूटरचित फर्जी हस्ताक्षर कराकर उसकी कार एमजी हेक्टर अपने नाम कराने के साथ मकान बिक्री करने पॉवर ऑफ अटार्नी हासिल की है।

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वकील ने परेशान महिला को झांसे में लिया

अनिल ने पुलिस को बताया है कि,  दोनों पति पत्नी जेल में बंद थे। इस दौरान उसकी पत्नी को किसी अन्य वकील के माध्यम से जमानत मिली। जमानत मिलने के बाद महिला अपने पति को जेल से छुड़ाने कोर्ट पहुंची। न्यायलयीन प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने की वजह से अनिल की पत्नी परेशान थी। इस दौरान महिला की मुलाकात निजामी से हुई। निजामी ने महिला को उसके पति को जेल से छुड़ाने का झांसा दिया और विभिन्न दस्तावेजों में उसके हस्ताक्षर कराकर वकील ने दस्तावेज अपने पास रख लिया।

साक्ष्य का परीक्षण करने के बाद गिरफ्तारी 

खमतराई टीआई एसएन सिंह ने बताया कि, अनिल वर्मा की शिकायत पर वकील के खिलाफ ठगी का अपराध दर्ज किया गया है। दोनों पक्षों के बयान लेने तथा प्रार्थी द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य का परीक्षण करने के बाद जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। 

कार की बकाया लोन की राशि जमा कराया

महिला ने पुलिस को बताया है कि,  निजामी ने धोखे से कार अपने नाम ट्रांसफर कराने जिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए थे, इस संबंध में निजामी ने महिला से कार का बकाया लोन के संबंध में जानकारी हासिल की। लोन की बकाया राशि के बारे में जानकारी देने पर निजामी महिला को अपने साथ एचडीएफसी बैंक लेकर गया और महिला को उसकी कार का लोन सेटलमेंट कराने का झांसा दिया तथा कार के बकाया 14 लाख रुपए में से आठ लाख रुपए लोन का जमा कराया।

ठगी का ऐसे हुआ भंडाफोड़

अनिल ने पुलिस को बताया है कि,  हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर वह अपनी पत्नी के साथ निजामी से मिलने जाता था। इस दौरान अनिल ने जमानत संबंधित दस्तावेज की निजामी से मांग की। दस्तावेज मांगे जाने पर निजामी अनिल तथा उसकी पत्नी के साथ टाल मटोल करने लगा। दबाव बनाने पर निजामी ने एक कागज अनिल को दिया। इस पर अनिल वह कागज एक अन्य वकील के पास लेकर गया, तो उस वकील ने उक्त कागज को किसी को मकान बेचने पॉवर ऑफ अटार्नी देने के जानकारी दी, तब अनिल को अपने साथ ठगी होने की जानकारी मिली। साथ ही अनिल को निजामी द्वारा अपना मकान किसी राजेश रेलवानी के माध्यम से किसी अन्य को बेचे जाने की जानकारी मिली।