रायपुर। प्रदेश सरकार जल्द ही मजदूरों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था करने जा रही है। इससे पहले 5 रुपये में श्रमिकों को दाल-भात केंद्रों से भोजन मिल रहा था। श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन का दावा है कि, इन केंद्रों के जरिए करोड़ों का घोटाला हुआ है। उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कही है।

बता दें कि, रायपुर में 11 और प्रदेश भर में 128 दाल भात केंद्र संचालित हो रहे थे। इन्हें 2004 में रमन सिंह सरकार ने अन्नपूर्णा दाल-भात योजना के तहत शुरू किया था। फिर 2018 में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद चावल मिलना बंद हो गया। तभी से ये केंद्र भी बंद हो गए। 

श्रमिक

दाल-भात योजना में हुई गड़बड़ी 
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि, श्रमिकों को मिलने वाले दाल-भात योजना में गड़बड़ी हुई है। उनका कहना है कि, केंद्र बंद होने के बाद भी ठेका एजेंसी को भुगतान किया गया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अफसरों से फाइल मंगवाई है। 

मामले की जांच के बाद होकी रिकवरी 
मंत्री देवांगन ने कहा कि, कांग्रेस ने 52 रुपए प्रति मजदूर के हिसाब से भुगतान किया है। ठेकेदार को पेमेंट भी हुआ है। करोड़ों रुपए भुगतान होने के बाद भी भोजन नहीं मिल रहा है। इस पूरे मामले में जांच के बाद रिकवरी भी की जाएगी। 

जल्द मजदूरों को नि: शुल्क भोजन देने की करेंगे व्यवस्था
मंत्री ने कहा कि, अगर सरकार भोजन के बदले पैसे दे सकती है तो मजदूरों से पैसा क्यों लेना। हम मुख्यमंत्री से चर्चा करके श्रमिकों को निशुल्क भोजन देने की व्यवस्था करेंगे।