रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे। कार्यशाला में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान की चर्चा हुई। राजधानी रायपुर के सिविल लाईन स्थित सर्किट हाउस में कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीएम साय ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कार्यक्रम में सीएम साय ने कहा कि, जनजाति समाज की परंपरा ऐतिहासिक है, लिपि परंपरा बाद में आई। हमारे लोकगीतों का इतिहास रहा है प्रकृति पूजा जनजाति समाज की मूल परम्परा है। जलवायु परिवर्तन के दौर में जनजाति समाज की परंपरा अनुकरणीय है। जनजाति समाज सबको फलने-फूलने का अवसर देता है। स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं है, सब समान हैं। जनजाति समाज समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है।
अपने सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया
उन्होंने आगे कहा कि, अपने सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए ही आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति के लिए शोषण मुक्त समाज का सपना देखा था। केंद्र की मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनजाति समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
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सरकार समाज के सुधार के लिए कर रही काम
राज्य की हमारी सरकार भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके आर्थिक समृद्धि के लिए काम कर रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से अंदरूनी इलाकों तक विकास पहुंचा रहे हैं। जनजाति समाज में दहेज को लेकर कभी भी बहु-बेटियां नहीं जलाई गईं। जनजाति समाज की कई खूबियां हैं।