सुमित बरोई-कांकेर/बांदे। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से एक ग्रामीण को जवानों ने सर्चिंग के दौरान गिरफ्तार किया। इसके बाद प्रेस नोट जारी कर पुलिस ने उसे नक्सली घोषित कर दिया और जेल भेज दिया गया है। इस मामले में ग्रामीण सरपंच के साथ पखांजुर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर उसे छोड़ने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, निर्दोष आदिवासियों के साथ गलत हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों ग्रामीण सुरेश कचलामी को छोटेबेटियां डीआरजी पुलिस और बीएसएफ के जवानों ने सर्चिंग के दौरान गिरफ्तार कर थाना ले गए। फिर प्रेस नोट जारी कर युवक को नक्सली घोषित कर जेल भेज दिया। ग्रामीणों को सूचना मिली तो वे सरपंच मैनी कचलामी के साथ पखांजुर एसडीएम कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि, गिरफ्तार आरोपी सुरेश कचलामी आलदंड का निवासी है और वह पीडीएस राशन दुकान में काम करता था। पिछले दिनों जवानों ने उसे गिरफ्तार किया और अब नक्सली घोषित कर जेल भेज दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि सुरेश कचलामी को छोड़ दिया जाए या फिर उसके नक्सली होने का सबूत पेश किया जाए।
सरपंच का आरोप, पुलिस सूचना तक नहीं देती
ग्रामीणों का आरोप है कि, जवान आदिवासियों को गिरफ्तार कर ले जाते हैं और नक्सली होने का दावा कर जेल भेज देते हैं। इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरपंच मैनी कचलामी का कहना है कि, पुलिस इस तरह की कार्रवाई गांव के प्रमुख लोगों को बिना बताए करती है। न पंचायत को इसकी कोई सूचना दी जाती है और न ही परिजनों को अरेस्ट वारंट की बात बताई जाती है।
जवानों ने 5 किलो का IED किया डिफ्यूज
वहीं बस्तर जिले में लगातार सुरक्षाबलों का एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है। इस दौरान डीआरजी और बीडीएस बीजापुर की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को भैरमगढ़ क्षेत्रान्तर्गत बेलचर पगडण्डी रास्ते पर 5 किलो का आईईडी बरामद किया था। नक्सलियों ने प्रेशर स्वीच से कुकर में आईईडी प्लांट कर रखा था, जिसे सुरक्षाबलों ने डिफ्यूज कर दिया।
वहीं नक्सलियों ने 22 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया था। कल कांकेर जिले में बंद का असर देखने को मिला। बसों के पहिए थमने के कारण स्कूल-कॉलेज छात्र-छात्राओं और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।