Sanjeev Nasir Fraud Degree: आम आदमी पार्टी के लीगल हेड और दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष संजीव नासियार पर फर्जी डिग्री का बड़ा आरोप लगा है और साथ ही उन्हें दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है। संजीव नासिर की डिग्री इंदौर के एक कॉलेज से है और उस डिग्री की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे थे। डिग्री पर सवाल उठने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनकी LLB ऑनर्स की डिग्री की जांच कराने का फैसला लिया है।
संजीव नासियार की बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि संजीव नासियार आम आदमी पार्टी से जुड़े वकील हैं और दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष थे। उनकी डिग्री इंदौर के पीएमबी गुजराती आर्ट्स एंड लॉ कॉलेज से मिली, जिस पर सवाल उठने के बाद BCI ने CBI से संजीव नासिर की LLB (ऑनर्स) डिग्री की जांच करने के लिए कहा है। उन्हें सात दिसंबर को उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया।
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क्या बोले बीसीआई के सचिव
डिग्री मामले को लेकर BCI के सचिव श्रीमंतो सेन ने एक बयान में कहा था कि नासिर की डिग्री की जांच करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर एक उप-समिति बनाई गई थी। समिति ने नासिर की डिग्री की जांच की थी। रिपोर्ट के आधार पर नासिर को उपाध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया। इसके बाद BCI के सचिव को निर्देश दिया गया कि वे CBI से संपर्क कर, संजीव नासिर की LLB की डिग्री की प्रमाणिकता की तत्काल जांच करने का अनुरोध करें। उन्होंने कहा कि जांच के नतीजे आने तक के लिए संजीव नासिर को दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष पद से हटाया जाता है।
डिग्री से जुड़े रिकॉर्ड में भी मिलीं गड़बड़ियां
बता दें कि समिति द्वारा की गई जांच में नासिर की डिग्री से जुड़े रिकॉर्ड में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं। जांच में पता चला है कि नासियार की एलएलबी की डिग्री जिस समय की है, तब बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत पीएमबी गुजराती आर्ट्स एंड लॉ कॉलेज को LLB (ऑनर्स) कोर्स चलाने की अनुमति भी नहीं मिली थी। BCI के नियमों के तहत LLB (ऑनर्स) प्रोग्राम 2008 में शुरू किया गया था, जबकि नासियार की डिग्री उससे बीस साल पुरानी यानी 1988 की है। समिति को दिए गए शैक्षणिक रिकॉर्ड्स में भी छेड़खानी किए जाने के संकेत मिले हैं।
कॉलेज के अधिकारियों ने जांच में नहीं किया सहयोग
कहा जा रहा है कि जांच के दौरान कॉलेज के अधिकारियों ने भी सहयोग नहीं किया। उनके रवैये से भी डिग्री की प्रमाणिकता पर शक और भी ज्यादा गहरा हो गया। इसके बाद जांच के दौरान कई और ऐसी चीजें मिलीं, जिससे शक और बढ़ गया। इसके बाद बीसीआई ने 7 दिसंबर को एक बैठक की। इस बैठक में तुरंत और निर्णायक कार्रवाई करने का फैसला लिया गया। बीसीआई का मानना है कि कानूनी पेशे की गरिमा और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए नासिर की डिग्री की जांच जरूरी है।
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