New Courses in AIIMS Delhi: दिल्ली एम्स ने भारतीय दंत परिषद की अनुमति के बिना बीएससी के दो डिग्री कोर्स शुरू कर दिए है। दोनों पाठ्यक्रमों को शुरू हुए पांच साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन डेंटल काउंसिल से इन सभी पाठ्यक्रमों को मान्यता प्रदान नहीं की गई है। ऐसे में साल 2018 से अभी तक एम्स के दोनों पाठ्यक्रम में पढ़ाई पूरी कर चुके 39 छात्रों का करियर लटका हुआ है। एम्स से पढ़ाई पूरी करने के बाद भी इन छात्रों का भारतीय दंत परिषद में पंजीकरण नहीं हो सका है और अब छात्र रोजगार के लिए भटक रहे हैं। इस मामले में अब छात्रों ने कोर्ट का रुख किया है।
भारतीय दंत परिषद की अनुमति के बिना शुरू हुए कोर्स
साल 2022 में एम्स अस्पताल से पत्र मिलने के बाद भारतीय दंत परिषद ने इस मसले पर 23 जून, 2022 को बैठक में इस पर फैसला लेते हुए एम्स के दोनों पाठ्यक्रमों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। भारतीय दंत परिषद ने भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लिखे पत्र में बताया कि उनकी परिषद के तहत ऐसे कोई पाठ्यक्रम लिस्ट में शामिल नहीं है।
2018 में शुरू हुए थे दाखिले
बता दें कि दोनों डिग्री पाठ्यक्रमों को साल 2016 में एम्स की अकादमिक समिति की बैठक में मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 2018 में दाखिले शुरू हो गए थे, लेकिन एम्स को भारतीय दंत परिषद से अनुमति नहीं मिली। साल 2022 में पहला बैच पूरा हुआ तो छात्रों को पता चला कि वे दंत परिषद में पंजीकरण नहीं कर सकते हैं।
कोर्स पूरा होने के बाद भी भटक रहे छात्र
दिल्ली एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से अपनी डिग्री कोर्स पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक उस कोर्स को डेंटल काउंसिल की ओर से मान्यता प्रदान नहीं की गई है। ऐसे में कई सालों की पढ़ाई के बाद भी छात्रों को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है।