Logo

Artificial Rain in Delhi: बीते कुछ दिनों से दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण बढ़ने लगा है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने आर्टिफिशियल रेन कराने की योजना पर काम हो रहा है। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ मिलकर रणनीति तैयार की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई, जिसमें क्लाउड सीडिंग तकनीक के माध्यम से कृत्रिम वर्षा कराने की तकनीक और संभावनाओं पर बात की गई। 

बैठक में शामिल हुए अधिकारी

इस उच्च स्तरीय बैठक में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ ही आईआईटी कानपुर की टीम, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अधिकारी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान संस्थान, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और भारतीय विमानपत्तन समेत तमाम विभाग के अधिकारी शामिल हुए। 

कृत्रिम वर्षा की जानकारी

बैठक में आईआईटी कानपुर की टीम ने क्लाउड सीडिंग तकनीक की मदद से होने वाली कृत्रिम वर्षा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक की मदद से प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बता दें कि इस तकनीक के जरिए बादलों में खास तरह के रसायन छोड़े जाते हैं, जिससे बारिश होती है। आईआईटी कानपुर ने इसका सफल परीक्षण किया है। सात में से उनके छ प्रयास सफल हुए हैं। बैठक में नियामक स्वीकृतियों, उड़ान अनुमति और अन्य तकनीकी पहलुओं पर भी चर्चा की गई, ताकि इस योजना को जल्द से जल्द लागू किया जा सके और प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके। 

ये भी पढ़ें: Ayushman Bharat Yojana: 5 अप्रैल से दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान योजना, इन परिवारों को सबसे पहले मिलेगा कार्ड

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताई रणनीति

कृत्रिम वर्षा को लेकर होने वाली बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ये सिर्फ एक प्रयोग नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को रोकने के लिए लगातार नई तकनीकें अपना रही है। स्मॉग टावर, बायो डीकंपोजर और रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग तो पहले से ही चल रही है। अब दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश भी वायु प्रदूषण की रणनीति को कम करने की रणनीति का हिस्सा बनने जा रही है। 

वायु प्रदूषण पर नजर रखेगा ऑनलाइन पोर्टल

इस बैठक के दौरान एक ऑनलाइन पोर्टल पर चर्चा की गई, जो निर्माण गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने में मदद करेगा। निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर भी विचार कर रही है। पर्यावरण मंत्री ने निर्माण स्थलों पर पीएम 2.5 सेंसर लगाने के निर्देश दिए, जिनकी वीडियो फेसिंग की जाएगी। साथ नवियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ डिजिटल पेनल्टी और चालान जारी करने के निर्देश दिए गए। 

ये भी पढ़ें: Delhi Free Bus Scheme: सिर्फ इन महिलाओं को मिलेगा बसों में मुफ्त सवारी का मौका, आजीवन नहीं खरीदनी होगी टिकट