BJP Protest Against Water Crisis: देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को एक साथ दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ आसमान से आफत बरस रही है तो दूसरी ओर बूंद बूंद पानी के लाले पड़ गए हैं। पानी की समस्या का आलम ये है कि कई दिनों तक तो नल से पानी नहीं आ रहा है, लेकिन अगर किसी दिन पहुंच भी रहा है तो बदबूदार पानी आ रहा है।
जिसे इस्तेमाल करने के बाद बीमार होने की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं, कई इलाकों में टैंकरों से पानी पहुंच रहा है, तो भीड़ इतनी है कि मानों पानी नहीं भरने नहीं लूटने आए हों। ज्यादा पानी भरने की होड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली में जमकर सियासत हो रही है। इस बीच आज भी बीजेपी के नेताओं ने पानी संकट को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
झुग्गियों में कई दिनों से नहीं पहुंच रहा पानी
इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली में पानी की बड़ी भयंकर समस्या है। दिल्ली के सभी वार्डों में हम जा रहे हैं, हर तरफ पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं। झुग्गियों में कई दिनों से पानी नहीं पहुंच रहा है। लोग पानी के चक्कर में अपनी ड्यूटी नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इतनी भीषण गर्मी भी बच्चे पानी की कमी के चलते नहा नहीं पा रहे हैं। सचदेवा ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को सफेद हाथी बनाकर रख दिया है। दोषारोपण करने में आम आदमी पार्टी के नेता सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पूरा पानी दिल्ली को सप्लाई कर रहा है, लेकिन आप के विधायक पानी की काला बाजारी कर रहे हैं। जिससे लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
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हरियाणा ने अतिरिक्त पानी देने से मना किया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उधर, हरियाणा ने भी दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने से हाथ ऊपर कर लिये हैं। दिल्ली में पानी कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल हरियाणा सरकार के प्रमुख सचिव (जल संसाधन) के साथ मंगलवार को चंडीगढ़ में बैठक किया।
दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार से दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने भीषण गर्मी के कारण उत्पन्न जल संकट को कम करने के लिए समन्वय की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। दिल्ली के जल मंत्री ने दिल्ली के नागरिकों की अभूतपूर्व पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल सहायता का आह्वान किया, तथा संकट के कम होने तक यमुना जल वितरण पर चर्चा स्थगित कर दी।