Delhi MCD School: दिल्ली बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली एमसीडी के स्कूलों को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने यह दावा करते हुए आप नेताओं पर कई प्रकार के आरोप भी लगाए हैं। सचदेवा एमसीडी के एक स्कूल का दौरा करने के लिए पहुंचे थे, जहां कि स्थिति बयां कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली रात दिन शिक्षा मंत्री आतिशी एवं विधायक मनीष सिसोदिया से सुनने को मिलता है कि दिल्ली में हमने स्कूलों को विश्व स्तरीय शिक्षा मॉडल बना दिया है और आज हम कापसहेड़ा के इस नगर निगम स्कूल में खड़े हैं, जहां के हालत देखकर दुख होता है।

मीडिया के सामने खोली एमसीडी स्कूलों की पोल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीरेन्द्र सचदेवा ने सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ मंगलवार की सुबह दिल्ली हरियाणा बार्डर के नज़दीक कापसहेड़ा में स्थित दिल्ली नगर निगम के स्कूल को दिखाते हुए यह आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार एवं नगर निगम के विश्व स्तरीय शिक्षा सुविधाओं के बीच बड़ी संख्या में छात्र टाट पट्टी पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं। प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद के साथ कापसहेड़ा पहुंचे प्रतिनिधिमंडल दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह, बिजवासन से पार्षद जयवीर राणा एवं दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर शामिल रहे। भाजपा नेताओं ने स्कूल की दुर्दशा एवं अव्यवस्था की पोल मीडिया के सामने खोली।

'स्कूल में 2022 से नहीं है प्रिंसिपल'

भाजपा नेताओं ने कहा कि शर्मनाक रूप से स्कूल में सैकड़ों बच्चें टाट पट्टी पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल में एक हाल में तीन तीन कक्षाएं चल रहीं हैं और एक शिक्षक उन तीनों को पढ़ा रही हैं। स्कूल में 1250 छात्र छात्राएं पढ़ते हैं पर उनके लिए कोई वाटर कूलर होना तो दूर स्कूल के सभी नल सूखे हैं, टूटे हैं और स्कूल में बच्चों के लिए पेयजल उपलब्ध नहीं है। स्कूल के टॉयलेट ब्लॉक बेहद गंदे हैं और लगभग 550 छात्राओं के लिए कोई अलग से टॉयलेट ब्लॉक नहीं है।

'स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी'

कापसहेड़ा स्कूल में 1250 छात्र हैं पर 2022 से प्रिंसिपल नहीं हैं और 7 टीचर बीएलओ ड्यूटी पर हैं तो 6 टीचर लम्बी छुट्टी पर हैं, जिस कारण स्कूल में पढ़ाने को पूरे टीचर नहीं हैं और स्कूल में कक्षाओं में साफ सुथरे ब्लैक बोर्ड तक का अभाव है। सचदेवा ने कहा कि इसकी शिकायत हम दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ ही एनसीपीसीआर में भी करेंगे, ताकि बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के व्यवहार पर तुरंत कार्रवाई हो और बच्चों को मुलभूत सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि अप्रैल में यहां दाखिला होता है, लेकिन अभी तक यहां शिक्षकों की कमी है। शिक्षा के नाम पर लूटने का काम केजरीवाल सरकार कर रही है।

'क्या ऐसे स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाएंगे सिसोदिया'

सचदेवा ने कहा है कि कापसहेड़ा के स्कूल की बदहाली कोई अकेला मामला नहीं है, दिल्ली के हर कोने में ऐसी ही स्थिति के सरकारी स्कूल देखे जा सकते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो जेल के अंदर हैं और मनीष सिसोदिया जो जमानत पर बाहर आए हैं, वे आकर देखें कि ऐसे स्कूलों की स्थिति और उनसे सिर्फ इतना ही सवाल है कि क्या ऐसे स्कूल में वे अपने बच्चों को पढ़ा सकते हैं।

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