Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है। कांग्रेस ने रविवार को दीपक बाबरिया की जगह काजी निजामुद्दीन (Qazi Nizamuddin) को दिल्ली का एआईसीसी प्रभारी नियुक्त (ICC delhi new in-charge) कर दिया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से ये जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन किया है। जिसमें एस मीनाक्षी नटराजन को अध्यक्ष और इमरान मसूद और प्रदीप नरवाल को स्क्रीनिंग कमेटी सदस्य बनाया है। वहीं खड़गे ने तत्काल प्रभाव से काजी निजामुद्दीन को दिल्ली का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का प्रभारी नियुक्त किया है।

खबरों की मानें, तो कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस दिल्ली के प्रभारी महासचिव के रूप में बाबरिया के योगदान की सराहना करती है। वहीं एआईसीसी प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष और दिल्ली के सभी एआईसीसी प्रभारी सचिव स्क्रीनिंग कमेटी के पदेन सदस्य होंगे।

कौन हैं काजी निजामुद्दीन

दरअसल, काजी निजामुद्दीन की गिनती कांग्रेस में बड़े नेताओं के तौर पर होती है। काजी उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। और वह इस सीट से पहले भी कई बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 2002 में बसपा के टिकट पर मंगलौर सीट से लड़ा था और उन्होंने जीत हासिल की थी।

-2007 में भी उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए थे। हालांकि, इसके बाद वह बसपा से निष्काषित कर दिए गए थे और उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

-2012 में फिर उन्होंने बसपा के उम्मीदवार को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2017 में भी इस सीट पर कब्जा किया। हालांकि, 2022 में बसपा से हाजी सरवत करीम से उन्हें हार मिली। इसके बाद करीम अंसारी के मौत के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो काजी निजामुद्दीन फिर जीत गए। 

-काजी निजामुद्दीन के पास संगठन में राष्ट्रीय सचिव की भी जिम्मेदारी है। वहीं काजी निजामुद्दीन के पिता काजी मोहयूद्दीन उत्तर प्रदेश में वन एवं उप कारागार मंत्री रहे हैं। 

दिल्ली में अगले साल फरवरी में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव 

दिल्ली विधानसभा चुनावअगले साल फरवरी में होने की उम्मीद है। कांग्रेस पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता से दूर है और आम आदमी पार्टी को हराने और अपने वनवास को खत्म करने के लिए दिल्ली में 'न्याय यात्रा' निकाल रही है।

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