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Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा को चैलेंज दिया कि अगर वो शर्त मान लें, तो मैं रोहिणी में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करूंगी।

Delhi Assembly Session: आज से दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू हो चुका है। पहले ही दिन का सेशन काफी हंगामेदार रहा। इस दौरान आम आदमी पार्टी ने बस मार्शल के मुद्दे पर भाजपा और एलजी वीके सक्सेना को घेरा। मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमने एलजी से बस मार्शलों को नहीं हटाने के लिए कहा था, लेकिन हमारी एक नहीं सुनी गई। 

आतिशी ने भाजपा पर बोला हमला
आतिशी
ने भाजपा पर हमला बोलते हुए विजेंद्र गुप्ता से कहा कि वो एलजी से बस मार्शलों की नियुक्ति मंजूर करा दें, तो आतिशी उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार और एलजी सक्सेना ने मार्च 2023 में बस मार्शलों की सैलेरी रोक दी। दिल्ली सरकार की तरफ से कई बार पत्र लिखा गया, तो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें बस मार्शलों की जरूरत नहीं है। 

मार्शलों को न हटाने की नहीं मानी बात
रेवन्यू मिनिस्टर के तौर पर मैंने भी एलजी को पत्र लिखकर कहा था कि बस मार्शलों को न हटाने के लिए कहा था, लेकिन बात नहीं मानी गई। इसके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि मार्शलों को न हटाया जाए और उन्हें हटाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद एलजी के आदेश पर बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया गया। 

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एलजी की तरफ से नहीं आया रेजॉल्यूशन
हमारी कैबिनेट ने रेजोल्यूशन साइन किया और हम लोग विजेंद्र गुप्ता की गाड़ी में बैठकर एलजी के घर गए, लेकिन अब तक एलजी की तरफ से वो रेजॉल्यूशन नहीं आया। एलजी ने चिट्ठी लिखकर कहा कि इस मामले को लेकर पॉलिसी बनाइए। इसके बाद हमारी तरफ से ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन इस पर अधिकारियों ने कहा कि सर्विसेज और कानून व्यवस्था का मुद्दा है। इस मामले पर एलजी साहब ही कानून बना सकते हैं।

भाजपा के लिए करूंगी प्रचार
इसके बाद हमने प्रस्ताव रखा कि जब तक इन बस मार्शल्स को पक्की नौकरी नहीं मिलती, तब तक इन्हें अस्थाई तौर पर लगाया जाए, लेकि ऐसा भी नहीं किया गया। आतिशी ने विजेंद्र गुप्ता से कहा कि आप बस मार्शल्स को नियुक्त करने के प्रस्ताव पर एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी दिला दीजिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो मैं अपनी पार्टी से बात करके रोहिणी में आपके खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करूंगी और आपके लिए प्रचार भी करूंगी।  

केजरीवाल सरकार में बदला लड़कियों का भाग्य
उन्होंने सदन में कहा कि जिस दिन अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तभी से दिल्ली की लड़कियों का भाग्य बदला है। उससे पहले किसी ने नहीं सोचा था कि बसों में मार्शलों की जरूरत है। निर्भया कांड भी बस में ही हुआ, फिर भी किसी की आंखें नहीं खुली। 

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