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दिल्ली में पिछली सरकार के दौरान अटके हुए सड़क मरम्मत कार्यों को अब फिर से शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तेजी से इन परियोजनाओं को पूरा करें। खासतौर पर आउटर रिंग रोड, नोएडा लिंक रोड और भैरों मार्ग।

CM Rekha Gupta on Delhi Road Repair: दिल्ली में लंबे समय से रुके हुए सड़क मरम्मत और पुनर्निर्माण के कामों को आखिरकार गति मिल गई है। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द दिल्ली की जर्जर सड़कों की मरम्मत करें। सरकार ने 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसके तहत शहर की प्रमुख सड़कों को रिडेवलपमेंट पर काम किया जा रहा है।  

दिल्ली की इन सड़कों पर जल्द होगा सुधार कार्य 

दिल्ली बीजेपी सरकार राजधानी की प्रमुख सड़कों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जिन मार्गों पर कार्य किया जाना है, उनमें ये नाम शामिल हैं:

  1. आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल फ्लाईओवर जाने वाला आउटर रिंग रोड
  2. नोएडा लिंक रोड (अक्षरधाम से नोएडा बॉर्डर तक) 
  3. भैरों मार्ग (महारानी बाग के नजदीक सनडायल रोड से जुड़ा मार्ग)

इन सड़कों को बेहतर बनाने की योजना इसलिए बनाई गई है क्योंकि ये दिल्ली को गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, बदरपुर और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ती हैं।  

सरकार ने पीडब्ल्यूडी को दिए सख्त निर्देश 

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर इन सड़कों की मरम्मत का कार्य जल्द से जल्द पूरा करें। पिछले साल पीडब्ल्यूडी ने 6671 गड्ढों की पहचान की थी और दिवाली से पहले उन्हें भरने का वादा किया गया था, लेकिन सिर्फ 80 सड़क मार्गों को ही ठीक किया जा सका। इस बार सरकार कोई कोताही नहीं बरतना चाहती और इसलिए खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एवं मंत्री प्रवेश वर्मा ने इस कार्य की निगरानी शुरू कर दी है। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि दो महीने के भीतर इन सड़कों की मरम्मत पूरी होनी चाहिए।  

कौन-कौन सी सड़कें हैं मरम्मत कार्य के लिए जरूरी?

1. आउटर रिंग रोड (आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल तक)
  
आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल तक की आउटर रिंग रोड 7.2 किलोमीटर लंबी है और ग्रेटर कैलाश, मालवीय नगर, पश्चिम विहार एन्क्लेव, सीआर पार्क और चिराग दिल्ली जैसे खास इलाकों को जोड़ती है। यह सड़क घनी कॉलोनियों के बीच से गुजरती है, जिससे इसका चौड़ीकरण संभव नहीं है। लंबे समय से इस मार्ग की मरम्मत रुकी हुई थी, लेकिन अब सरकार ने इसे प्राथमिकता देते हुए सुधार कार्य शुरू करने का फैसला लिया है।

2. भैरों मार्ग (सराय काले खान से आईटीओ तक)

भैरों मार्ग, जो सराय काले खान से आईटीओ तक फैला हुआ है, सेंट्रल दिल्ली और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली को जोड़ने वाला एक लम्बा मार्ग है। करीब 4 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर प्रगति मैदान, आईटीओ और सराय काले खान जैसे प्रमुख क्षेत्र आते हैं। लंबे समय से खराब हालत में पड़ी इस सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है। यहां स्क्रैपिंग प्रक्रिया के तहत पुरानी सड़क की ऊपरी सतह को हटाकर नई सड़क बिछाने का काम किया जा रहा है, जिससे यातायात सुगम होगा और लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी।

3. अक्षरधाम फ्लाईओवर से नोएडा बॉर्डर तक

अक्षरधाम फ्लाईओवर से नोएडा बॉर्डर तक का मार्ग पूर्वी दिल्ली, नोएडा, सेंट्रल और उत्तर दिल्ली को जोड़ने वाला एक बीजी सड़क मार्ग है। वर्तमान में यह सड़क काफी जर्जर स्थिति में है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अक्टूबर 2024 में इसकी मरम्मत का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण इसे रोकना पड़ा। अब सरकार ने इसे पुनः शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे यातायात सुगम हो सके और लोगों को राहत मिले।

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100 दिनों में बेहतर सड़कें देने का वादा

दिल्ली सरकार ने 100 दिन के भीतर इन सड़कों को दुरुस्त करने का वादा किया है। पीडब्ल्यूडी ने प्राथमिकता के आधार पर इन सड़कों के मरम्मत कार्यों को शुरू कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह केवल मरम्मत कार्य नहीं बल्कि दिल्ली की सड़कों को बेहतर और खूबसूरत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।  

निगरानी और पारदर्शिता होगी अहम

दिल्ली सरकार इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी खुद करेगी। हर 15 दिनों में एक प्रगति रिपोर्ट तैयार कर सीएम को दी जाएगी। अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी ताकि काम में देरी न हो। दिल्ली सरकार का यह कदम राजधानी की सड़कों को बेहतर और सुगम बनाने के लिए एक बड़ा प्रयास है। अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो दिल्लीवासियों को जल्द ही जर्जर सड़कों से राहत मिल सकती है।

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