Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में खुले नाले में गिरने से मां और बेटे की मौत के मामले में डीडीए (DDA) पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से ये मुआवजा मृतकों के परिवार को देने के लिए कहा गया है। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को मयूर विहार फेज 3 के निवासी झुन्नू लाल श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई की। जिसमें ठेकेदार और डीडीए अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही के चलते कार्रवाई करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि डीडीए की लापरवाही से गड्ढा खुला हुआ था। भारी बारिश की वजह से 22 साल की महिला तनुजा और उसका तीन साल का बच्चा प्रियांश उसमें गिर गए। जिसके चलते दोनों की मौत हो गई। ऐसे में जीडीए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
यह घटना 31 जुलाई 2024 की है। इस दिन शाम को राजधानी में भारी बारिश ही हुई। इससे गाजीपुर इलाके में भी पानी भर गया था और सड़क पर आधे खुले निर्माणाधीन नाले में गिरने से मां-बेटे की मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से भी चार्जशीट दायर की गई थी।
पुलिस के वकील ने पहले कोर्ट में कहा था कि यह डीडीए ठेकेदार था। जिसने वहां कुछ काम करने के बाद नाले को खुला छोड़ दिया था। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने डीडीए को आदेश दिया है कि मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। वहीं कोर्ट ने डीडीए के वकील ने कहा कि प्राधिकरण तनुजा और प्रियांश के परिजनों को 20 लाख रुपये देने के लिए तैयार है।
दिल्ली में हुई कई लोगों की मौत
बता दें कि दिल्ली में जुलाई और अगस्त के दौरान बारिश बारिश हुई है। जिसके चलते भारी जलभराव हुई और इससे कई लोगों की मौत हो गई थी।