पूरे देश में दशहरा पर्व को लेकर तैयारियां चल रही हैं। राजधानी दिल्ली में भी दशहरा का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में विश्व का सबसे बड़ा रावण का पुतला भी बनाया गया है। दिल्ली के मार्केटों में रावण के पुतलों की मांग बढ़ गई है। लेकिन खास बात यह है कि कम साइज वाले रावण के पुतलों की ज्यादा डिमांड बढ़ गई है।
दिल्ली के टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के बीच तीतारपुर क्षेत्र में आता है, यहां दशहरे से पहले ही रावण के पुतलों का मार्केट लग जाता है। यह मार्केट रावण के पुतलों के लिए काफी फेमस है। यहां भारी संख्या में छोटे-छोटे रावण के पुतले देखने को मिल जाएंगे। लोग इन पुतलों छोटा रावण के नाम से भी पुकार रहे हैं। इस मार्केट में बने रावण के पुतले दिल्ली ही नहीं बल्कि कई राज्यों समेत विदेशों तक जाते हैं।
कई वर्षों से बना रहे रावण के पुतले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां करीब 30 वर्षों से रावण के पुतला बनाया जाता है। इस बार तो छोटे रावण के पुतलों की काफी डिमांड बढ़ गई है। छोटे पुतले को देखकर बच्चों के अंदर रावण दहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इन बाजारों में रावण के पुतला 5 से 10 फुट तक बनाया जाता है। जो दशहरे के दिनों में काफी क्रेज में रहता है। अब तक बहुत सारे पुतलों की बिक्री भी होनी शुरू हो गई है।
कैसे बनता है रावण का पुतला
बता दें कि एक रावण का पुतला तैयार करने में गोंद, रंग, बांस, कागज और कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है। मूर्तिकार ने बताया कि यह सभी सामान देश के अलग-अलग राज्यों से मंगवाया जाता है। रावण के पुतले में जो बास लगता है वो असम के डीलरों के माध्यम से मंगवाया जाता है। पेपर, गोंद और कपड़े सदर बाजार से खरीदे जाते हैं।
छोटे रावण की कीमत
मूर्तिकार ने बताया कि एक छोटे रावण के पुतले को बनाने में करीब 3-5 दिन लग जाते हैं। मूर्तिकार ने बताया कि करोना काल के बाद पहली बार बाजार में रावण के इतने छोटे-छोटे पुतले देखने को मिल रहे हैं। इनकी कीमत पुतलों के साइज पर निर्भर करता है। यदि बड़े पुतले रहे हैं तो उसकी कीमत 10-15 हजार के बीच है और छोटे साइज के पुतले की कीमत मात्र 200-1000 रुपये तक के बीच है।