Rohini honey trap case: दिल्ली पुलिस ने एक हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर पीड़ितों से जबरन वसूली करने और खुद को पुलिस अधिकारी बताने का आरोप है। वे रोहिणी इलाके में सक्रिय थे और फर्जी पहचान पत्र और वर्दी का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे थे। पुलिस के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने कई मामलों में ठगी करने की बात कबूल कर ली है।
फर्जी पुलिस बनकर ऐंठते थे पैसे
रोहिणी जोन के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि तीनों आरोपी विजय विहार इलाके में सक्रिय थे। बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय के पास पुलिस ने दो स्कूटरों पर जा रहे संदिग्धों को रोका। उनमें से एक ने दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर की वर्दी पहन रखी थी, जबकि दूसरे के बैग में पुलिस की वर्दी बरामद हुई। जब पुलिस ने पूछताछ की, तो आरोपियों ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और फर्जी पहचान पत्र भी दिखाए।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नीरज (36), आशीष (35) और योगेश उर्फ ढिल्लू (40) के रूप में हुई है। तीनों हरियाणा के बहादुरगढ़ के निवासी हैं। जब पुलिस को उनके बयानों पर संदेह हुआ, तो उन्हें हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूल किया कि वे लोगों को डराने और झूठे बहाने से पैसे ऐंठने के लिए फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर काम कर रहे थे।
पुलिस वर्दी और फर्जी पहचान पत्र से करते थे ठगी
पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ितों को छापेमारी के बहाने डराते और उनसे पैसे ऐंठते थे। इस दौरान वे फर्जी पुलिस आईडी कार्ड और वर्दी का इस्तेमाल करते थे। गिरफ्तार आरोपी नीरज पहले भी जबरन वसूली के कई मामलों में शामिल रहा है। उस पर हरियाणा में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी तरह, योगेश पर भी पड़ोसी राज्य में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज है।
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पुलिस कर रही है और पीड़ितों की तलाश
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से बरामद दस्तावेजों और अन्य सबूतों के आधार पर अब पुलिस अन्य पीड़ितों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इस तरह के ठगों से सावधान रहें और किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। इस मामले की आगे जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह के साथ और भी लोग जुड़े हुए हैं।
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