दिल्ली में सट्टा किंग ने जुआ खिलाने के लिए कबूतर, तितलियों और भंवरों को पालना शुरू कर दिया है। कारण यह है कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से सट्टा रैकेट के खिलाफ नकेल कसी है, उसके मद्देनजर सट्टेबाजों ने सट्टा खिलाने के लिए यह परंपरागत तरीका अपना लिया है। सट्टेबाजों को लगता है कि इससे उन पर नकेल कसना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन, दिल्ली पुलिस की मानें तो इस तरीके से भी सट्टेबाज नहीं बच पाएंगे। दिल्ली पुलिस ने सट्टाबाजों को पकड़ने के लिए जो जाल बिछाया है, उसका खुलासा करने से पहले बताते हैं कि कबूतर, तितलियों और भंवरों को पालकर किस तरह से सट्टा खिलाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया गया है कि राजधानी में अब बड़े सट्टेबाज भी सट्टा खिलाने के लिए परंपरागत तरीके अपना रहे हैं। कबूतर, तितलियां और भंवरे आदि को पालने का मतलब जुआ खिलाने से है। यह एक तरह से रूले जैसा खेल है। इसमें एक चार्ट पर कुछ पक्षियों की तस्वीर लगी होती हैं। लोगों को पक्षियों पर दांव लगाने के लिए कहा जाता है। लालच दिया जाता है कि अगर उनके दांव वाले पक्षी की तस्वीर वाली पर्ची निकल जाएगी तो 10 गुना राशि वापस दी जाएगी। पुलिस की मानें तो पहले मेलों में ऐसा खेल केवल मनोरंजन के लिए होता था, लेकिन अब बड़े सट्टा बाजार ने भी इस तरीके को अपना लिया है ताकि पुलिस उन तक न पहुंच सके।
यह है दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती
दरअसल, बड़े सट्टेबाजों ने छोटे स्तर पर भी अपने गुर्गों को एक्टिव कर रखा है। इन गुर्गों की जिम्मेदारी छोटे स्तरों पर जुआ खिलाने की है। चूंकि इसमें केवल पक्षियों वाले चार्ट और मोबाइल फोन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यह जुआ किसी भी जगह यानी की किसी दुकान में, किसी सुनसान इलाके में, यहां तक कि रेलवे स्टेशन के ट्रैक के आसपास या फिर किसी फुटपाथ पर आसानी से खिलाया जा सकता है।
खास बात है कि जुआ खेलने के शौकीन लोग सट्टा कारोबारियों पर पूरा भरोसा रखते हैं कि चीटिंग नहीं करेंगे। लेकिन, पुलिस की मानें तो जिस पक्षी की तस्वीर वाली पर्ची निकलती है, उस पर दांव जीतने वाले लोग सट्टा कारोबार से ही जुड़े होते हैं। यह महज लोगों से चीटिंग कर पैसा कमाना है। पुलिस का कहना है कि इनके मास्टरमाइंड का आतंकी संगठनों से भी संबंध रहता है। यही वजह है कि सट्टा कारोबारियों पर नकेल कसना बेहद आवश्यक है।
पुलिस ने सट्टे पर नकेल कसने को बनाई रणनीति
दिल्ली पुलिस सट्टा कारोबारियों पर लगातार शिकंजा कस रही है। पांच अगस्त को दिल्ली पुलिस ने पश्चिम विहार के एक मकान से सट्टा लगाने वाले 14 आरोपियों को अरेस्ट किया था। मौके से 2 करोड़ 22 लाख रुपये की नकद राशि के अलावा 18 मोबाइल फोन और नोट गिनने वाली 2 मशीन बरामद की थी। पूछताछ में मास्टरमाइंड अंकित बंसल ने खुलासा किया था कि वो पांच साल से लोगों को सट्टा खिला रहा है।
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इससे दो सप्ताह पहले दिल्ली पुलिस ने दो बड़े जुआ रैकेट का खुलासा कर दो दर्जन आरोपियों को अरेस्ट किया था। मौके से 2 लाख 20 हजार रुपये की नकद राशि बरामद हुई थी। इसके अलावा 39 मोबाइल फोन, 13 कैलकुलेटर, 46 डायरी और कबूतर तितली वाले कई चार्ट बरामद हुए थे। ऐसे में पुलिस ने अब कबूतर-तितली पालने वाले छोटे जुआरियों पर भी शिकंजा कसने की रणनीति तैयार कर ली है।