आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। अमानतुल्लाह ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 को चुनौती देते हुए अर्जी दाखिल की थी। जस्टिस रेखा पल्ली और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने मामले को 7 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। न्यायालय ने ये भी स्पष्ट किया कि अमानतुल्लाह खान की याचिका या अंतरिम राहत आवेदन पर नोटिस जारी नहीं किया जा रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 30 जनवरी को ईडी ऑफिस बुलाया था। अमानतुल्लाह ने ईडी ऑफिस पहुंचने की बजाए समन को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए। हाई कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन के खिलाफ तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। साथ ही, मामले को सुनवाई के लिए एक फरवरी की तिथि तय कर दी। आज अमानतुल्लाह की तरफ से समन खारिज करने के लिए दलीलें पेश की गईं। हाई कोर्ट ने दलीलें सुनने के उपरांत मामले को 7 फरवरी तक के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

36 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

आप विधायक अमानतुल्लाह के खिलाफ 36 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ईडी के आरोपों के मुताबिक, अमानतुल्लाह ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती की थी। इसकी एवज में अवैध कमाई की और अपने सहयोगियों की संपत्तियों में अवैध राशि का निवेश किया। ईडी की चार्जशीट में अमानतुल्लाह के सहयोगी जीशान, दाउद नासिर और जावेद इमाम का भी नाम शामिल हैं। तीनों को पिछले साल यानी नवंबर 2023 में अरेस्ट कर लिया गया था। ईडी का कहना है कि अमानतुल्लाह के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में उससे तेजी से पूछताछ की जरूरत है।