Atishi letter to Chief Secretary: दिल्ली में पानी संकट लगातार गहराता जा रहा है। इसको लेकर जल मंत्री आतिशी ने आज बुधवार को मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि तहसीलदारों के साथ एडीएम व एसडीएम स्तर के अधिकारियों की टीमें जल स्रोतों से लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और डब्ल्यूटीपी से लेकर प्राथमिक यूजीआर तक मुख्य जल वितरण नेटवर्क की निगरानी और निरीक्षण करें। अगर किसी भी पाइप लाइन में कोई रिसाव है तो उसे 12 घंटे के भीतर ठीक किया जाए।

जल संकट को लेकर एलजी से की बातचीत 

बता दें कि पानी संकट को लेकर दिल्ली सरकार एक्शन मोड़ में दिख रही है। आतिशी  खुद ही वजीराबाद बैराज और बवाना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर चुकी हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर पानी संकट को लेकर चर्चा की थी। इसके साथ ही उन्होंने एलजी से अनुरोध किया था कि वे पानी की समस्या को लेकर हरियाणा सरकार से बातचीत करें। इस दौरान एलजी ने आतिशी को आश्वासन दिया था कि वे पानी की किल्लत की समस्या से दिल्ली वालों को निजात दिलाने के लिए हरियाणा सीएम से बातचीत करेंगे।

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आतिशी ने हरियाणा सीएम को भी लिखा पत्र

इससे पहले 9 जून को आतिशी ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी को भी पत्र लिखा था। पत्र के जरिए उन्होंने हरियाणा सरकार से अनुरोध किया कि मुनक नहर से राष्ट्रीय राजधानी के लिए 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ा जाए, अन्यथा अगले एक-दो दिन में दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है।

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उन्होंने लिखा था कि दिल्ली में सात वाटर ट्रीटमेंट प्लांट यमुना से जल की आपूर्ति पर निर्भर हैं और कच्चे पानी की कमी के कारण हमारे वाटर प्लांट अपनी अधिकतम क्षमता पर काम करने में असमर्थ हैं। आतिशी ने कहा था कि मुनक नहर से दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए, लेकिन पानी घटकर 840 क्यूसेक रह जाने से दिल्ली अपने सात जल संयंत्रों से पर्याप्त पानी नहीं जुटा पाएगी।