Delhi Metro: डीएमआरसी के मेट्रो ट्रेन ऑपरेटरों व इससे जुड़े अन्य सदस्यों की नशे (अल्कोहल) की जांच अब आधुनिक मशीन खुद करेगी। इसके अलावा इस आधुनिक मशीन द्वारा ऑन टाइम बायोमेट्रिक उपस्थिति और ट्रेन ऑपरेटर की लाइव फोटो भी तुरंत खींची जाएगी। वहीं, यह मशीन इनका पूरा डेटा संगलन सहित अन्य कई कार्य करेगी।

डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार ने अत्याधुनिक क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) लॉन्च किया। यह प्रणाली डीएमआरसी के 1200 से अधिक ट्रेन ऑपरेटरों और अन्य संबंधित गतिविधियों की अनूठी जरूरतों को पूरा करेगी। डीएमआरसी यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करती है, जिसके तहत सीएमएस प्रणाली से पहले ऑपरेटरों को ड्यूटी देने से पहले पुराने तरीके से नशे की जांच की जाती थी, जिसमें ब्रेथ एनालाइजर मशीन में फूंक मारकर अल्कोहल के सेवन का पता लगाया जाता था, लेकिन अब इस अत्याधुनिक मशीन द्वारा एल्कोहल की जांच बेहद आसान हो जाएगी।

अल्कोहल लेवल की होगी पहचान

सीएमएस पर मॉनिटर के साथ ही एक फूंक मारने के लिए विशेष होल बना हुआ है। कोई भी ऑपरेटर जैसे ही इस होल में फूंक मारेगा और उसने अगर अल्कोहल का सेवन किया है तो मशीन तुरंत बता देगी और इसकी सूचना संबंधित आला अधिकारियों मिल जाएगी। यह मशीन सांस छोड़ते ही मुंह और नाक के जरिए फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं से निकलने वाली अल्कोहल की गंध को पहचान लेगी, इसके साथ ही संबंधित व्यक्ति के ब्लड में मौजूद अल्कोहल लेवल को बताएगी।

डीएमआरसी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार, सीएमएस विशेष रूप से डिजाइन और विकसित कियोस्क दैनिक कार्यों को डिजिटल रूप से प्रबंधित करने के लिए एक कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल स्वचालित समाधान प्रदान करता है। सभी परिचालन लाइनों पर नेटवर्क में स्थित 14 क्रू नियंत्रण केंद्रों, डिपो पर स्थापित होते हैं। ट्रेन ऑपरेटर अब एकीकृत तरीके से इन डिजिटल कियोस्क के माध्यम से अपने हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिसमें श्वास विश्लेषक परीक्षण, बायोमेट्रिक उपस्थिति और ट्रेन ऑपरेटर की लाइव फोटो तुरंत खींची जाएगी।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड पर करेगी काम

इसी प्रकार, सीएमएस छुट्टी अनुरोधों, लाइन की खराबियों, कर्मचारियों के दावों, शिकायतों और छुट्टी शेड्यूलिंग आदि को इलेक्ट्रॉनिक रूप से तैयार करने में सक्षम होगा, जबकि इससे पहले कर्मचारियों को इन सूचनाओं, डेटा को मैन्युअल रूप से अपडेट करना पड़ता था। इस प्रणाली से सालाना लगभग 5 लाख कागज के पेज के उपयोग को समाप्त करेगा। जिससे अनुमान के तौर पर करीब 417 पेड़ों को काटने से बचाया जा सकेगा। सीएमएस ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन मोड पर भी काम करता है और यह वेब एप्लिकेशन, कियोस्क एप्लिकेशन और मोबाइल एप्लिकेशन के रूप में भी उपलब्ध है।

इस नई तकनीक की मदद से, लाइन पर्यवेक्षक, ट्रेन ऑपरेटर रोलिंग स्टॉक, ट्रैक, ओएचई, सिविल कार्यों आदि से संबंधित किसी भी कमी या समस्या को नोटिस करने पर वास्तविक समय में सभी संबंधित लोगों को रिपोर्ट मिल जाएगी। सीएमएस को मौजूदा ट्रेन संचालन प्रणालियों के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे कार्यान्वयन तेज और परेशानी मुक्त हो जाता है।