Delhi Health System: दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर देखभाल वाले मरीजों के उपचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अपर्याप्त चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर चिंता जाहिर की है। हाई कोर्ट ने मांग तथा उपलब्ध संसाधनों के बीच स्पष्ट अंतर के बारे में केजरीवाल सरकार से सवाल किया। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है।

बीजेपी ने आप पर साधा निशाना

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में खराब स्वास्थ्य ढांचे पर दिल्ली सरकार से 29 जनवरी तक जवाब मांगा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी पर भाजपा के सवालों का कभी जवाब नहीं दिया। हमने बार-बार सरकार के सामने स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे को उठाया। हालांकि, अब उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट को जवाब देना होगा। 

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चार अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने से व्यक्ति की मौत का मामला

पूरी घटना 2 जनवरी की रात को सामने आई थी, जब रात करीब 9 बजे पुलिस को एक कॉल मिली थी। उत्तरपूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर इलाके में एक महिला ने नशे की हालत में एक आदमी के उसके साथ झगड़ा करने की शिकायत की। उस व्यक्ति को जेपीसी अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल द्वारा इलाज के लिए भर्ती नहीं किया गया था। इसके बाद उसकी मौत हो गई।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान, सवाल किया कि यह कैसे संभव है कि चार सरकारी अस्पतालों में मरीज को कोई भी बेड नहीं मिला। इससे सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी का पता चलता है। कोर्ट ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए रखे बजट आवंटन को दूसरी निधियों में ट्रांसफर किए जाने को लेकर भी गहरी चिंता जाहिर की। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि एक केंद्रीय पोर्टल भी बिस्तरों की जानकारी देने के लिए बनाया जाना चाहिए।