Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राहत नहीं मिली है। दरअसल, कोर्ट ने दोनों नेताओं की न्यायिक हिरासत 19 मार्च तक बढ़ाई दी है। मामले में पिछली सुनवाई 2 मार्च को हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने पांच दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ाई थी, जो आज खत्म हो रही थी। ऐसे में आज फिर से सुनवाई हुई, अब कोर्ट ने फिर हिरासत बढ़ा दी।

संजय सिंह के वकील का बयान 

संजय सिंह के वकील डॉ. फारुख खान ने कहा कि ईडी ने गुमराह और गलत धारणा वाला आवेदन दायर किया है। संजय सिंह ने हमेशा से जांच में सहयोग दिया, लेकिन अब उनके खिलाफ आवेदन दिया जा रहा है। उनके खिलाफ अभी तक मुकदमा भी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि आरोप तय होने के बाद ही मुकदमा शुरू होगा।

बचाव पक्ष के वकीलों ने भी अदालत से कहा कि आरोपी के पास आपराधिक न्याय प्रणाली में कुछ अधिकार हैं। इस तात्कालिक मामले में आरोपी के पास जो भी दस्तावेज होना चाहिए या किसी अन्य मुकदमे में सामान्य प्रक्रिया में दिया जाना चाहिए था, वह बहुत अजीब है। प्रत्येक आरोपी को इसे पाने के लिए एक निश्चित आवेदन दायर करना होगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर आदेश के लिए 19 मार्च की तिथि तय कर दी है।

सिसोदिया एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद

बता दें कि मनीष सिसोदिया एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने भी जेल से सिसोदिया की गिरफ्तारी की थी। तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

वहीं राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ईडी ने शराब घोटाले के आरोप में 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित शराब घोटाला मामले में अभियुक्त से गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयान के बाद संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार दोनों नेताओं की जमानत याचिका खारिज होती जा रही है।

क्या है शराब घोटाला मामला

कोविड काल के दौरान दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इसमें शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं। इसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। सीबीआई और ईडी शराब नीति घोटाले में अलग-अलग जांच कर रही है। सीबीआई की जांच नई नीति बनाते समय हुई अनियमितताओं पर केंद्रित है। जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी सीएम केजरीवाल को आठ बार समन जारी कर चुकी है।